अलीगढ़ में मासूम की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की खबर आने के से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोग इस घटना से इतने डरे और सहमे हुए हैं कि लोगों ने अपने घर के बाहर बोर्ड लगाकर सरकार से अपनी बेटियों की सुरक्षा लिए गुहार लगाई है. काशी के लोगों ने अपने घरों के बाहर एक साइन बोर्ड लगा रखा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है. लोगों ने अपने घर के बाहर 'सरकार सुरक्षा दे क्योंकि घर में बेटियां हैं' के बोर्ड लगाए हैं.
घरों के बाहर आपने नो पार्किंग और भगवान कि लगी तस्वीर तो देखी होगी लेकिन इन दिनों पीएम के संसदीय क्षेत्र में अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार से गुहार लगाते स्लोगन तस्वीरों में देख सकते हैं. वाराणसी के लक्सा इलाके में घरों के बाहर बोर्ड लगाने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में लगातार बेटियों के साथ घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे वे काफी डरे और सहमे हुए हैं. बेटियों पर कोई अत्याचार न हो इसके लिए उन्होंने अपने घरों के बाहर साइन बोर्ड लगाए हैं. रास्ते से गुजरने वाले लोग इसे देखें ताकि वे हमारे घर की बेटियों पर बुरी नजर न डालें और वे अपने घर की बेटी की तरह हमारी बेटियों का भी सम्मान करें.
उधर अलीगढ़ मामले में पीड़ित परिवार को यूपी के मुख्यमंत्री दफ्तर से बुलावा आया है. एसडीएम ने परिवार से मिलने वालों की लिस्ट मांगी है. पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा कि परिवार अभी किसी से मिलने को तैयार नहीं है. पिता की मांग है कि आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. इससे भी वीभत्स घटना यूपी के कुशीनगर में सामने आई है जहां एक नाबालिग के साथ दरिंदगी हुई है. बदला लेने के लिए गांव के 6 दबंगों ने बच्ची से गैंगरेप किया. इस घटना में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दो दिन बीत जाने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया. हालांकि मीडिया में खबर आने के बाद कार्रवाई हुई और 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दो आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं.
यूपी के मंत्री का विवादित बयान
यूपी सरकार के राज्यमंत्री उपेंद्र तिवारी ने नाबालिग बच्चियों के दुष्कर्म पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर दुष्कर्म का नेचर अलग-अलग होता है. उपेंद्र तिवारी ने कहा, "दुष्कर्म का नेचर होता है. जैसे किसी नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म होता है तो उसे तो हम दुष्कर्म मानेंगे लेकिन अगर वह महिला है और उसकी उम्र 30-35 साल है तो उसका नेचर अलग होता है."
उपेंद्र तिवारी ने कहा, "कोई बालिग है और सात-आठ साल से प्रेम संबंध चल रहा है. आज सवाल आता है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ. तो आम सवाल है कि यह बात तो सात-आठ साल पहले उठ जानी चाहिए थी. इस तरह की तमाम घटनाएं हैं, उनका अलग-अलग नेचर है. जहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं, मुख्यमंत्री जी संज्ञान लेते हैं और उस पर कार्रवाई होती है. प्रशासन को भी निर्देश है कि इस तरह का मामला आए तो कड़ाई से निपटा जाए."
उपेंद्र तिवारी ने अखिलेश यादव पर भी तंज कसा और कहा कि "वे प्रयोग करते हैं. गठबंधन का असफल प्रयोग किया. पहले मस्जिद जाते थे, अब बाबा भोलेनाथ की शरण में गए हैं. आने वाले वक्त में हो सकता है अयोध्या भी जाएं. अभी अखिलेश यादव प्रयोग कर रहे हैं."
भोपाल में भी दरिंदगी
अभी अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम की हत्या पर देश का उबाल उफान पर ही है कि भोपाल से आई एक खबर ने फिर से सन्न कर दिया है. पहले एक 8 साल की फूल सी बच्ची के साथ बलात्कार होता है और उसके बाद उसकी बर्बर हत्या कर दी गई. भोपाल की मंडवा बस्ती के नाले से जब नाबालिग बच्ची का शव मिला तो हड़कंप मच गया. बच्ची शनिवार शाम से ही लापता थी लेकिन रविवार को उसका शव बरामद हुआ तो परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हत्या से पहले बच्ची के साथ रेप भी हुआ है. शहर की नई नई सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचीं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी पीड़ित परिवार का दुख साझा किया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी बच्ची के पड़ोस में ही रहता था जो वारदात को अंजाम देने के बाद से ही फरार है. हालांकि उसके परिवारवालों को हिरासत में लिया गया है. इस केस में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है क्योंकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि शनिवार को शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया, वरना बच्ची की जान बच भी सकती थी. राज्य सरकार ने एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है.