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आडवाणी से छिन गया संसद भवन का कमरा!

ऐसा लगता है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी संसद भवन में अपना वह कमरा गंवा बैठे हैं, जो उनके पास बतौर राजग के कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से पिछले दस साल से था.

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बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी
बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी

ऐसा लगता है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी संसद भवन में अपना वह कमरा गंवा बैठे हैं, जो उनके पास बतौर राजग के कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से पिछले दस साल से था.

यही नहीं लोकसभा में भी सीटों का आवंटन नहीं होने के कारण उनके बैठने का कोई नियत स्थान नहीं था. पूर्व उप प्रधानमंत्री के कमरा संख्या-4 गंवाने का संकेत इस बात से मिला कि कमरे के बाहर उनके नाम की तख्ती नहीं थी, जबकि राजग अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नेमप्लेट’ उसी कक्ष के बाहर लगी थी.

वाजपेयी खराब स्वास्थ्य के कारण इस कक्ष में नहीं बैठते हैं और आडवाणी ही यहां बैठा करते थे. आडवाणी की ‘नेमप्लेट’ और राजग के कार्यकारी अध्यक्ष के पद की तख्ती का नहीं होना साफ दिख रहा था, क्योंकि ये घटनाक्रम उस समय हुआ, जब नई लोकसभा के गठन के बाद कमरों का नये सिरे से आवंटन हो रहा था.

बीजेपी नेता 86 वर्षीय आडवाणी ने बीजेपी संसदीय दल के कार्यालय में आराम किया, जहां आम तौर पर सामान्य पार्टी नेता बैठते हैं. आडवाणी हालांकि भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष हैं, लेकिन वह कमरे की मुख्य कुर्सी पर बैठने की बजाय सोफे पर बैठे.

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आडवाणी के निकट सूत्रों ने इस मुद्दे को खास तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई भ्रम नहीं है. साथ ही विश्वास जताया कि आडवाणी को जल्द ही कमरा आवंटन हो जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने कहा कि कमरों के आवंटन में उसकी कोई भूमिका नहीं है. सदन के भीतर भी आडवाणी भ्रम की स्थिति में थे कि कहां बैठें.

वह दूसरी पंक्ति में बैठना चाहते थे, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू उनसे अगली पंक्ति में बैठने की विनती करते नजर आए. उसके बाद वह गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान के साथ अगली पंक्ति में बैठे.

आडवाणी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बगल में बैठे थे, लेकिन आज उन्होंने वहां बैठने से साफ इंकार कर दिया. दोपहर में जब वह सदन में दोबारा लौटे तो सीट तलाशने लगे और अंतत: आठवीं पंक्ति में बैठ गए. पिछली बेंच पर उनकी उपस्थिति का अहसास तब हुआ, जब राजस्थान से बीजेपी सांसद अजरुन मेघवाल शपथ लेने के बाद आडवाणी का आशीर्वाद लेने गए. उसके बाद एक अन्य सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड, फिल्मों से राजनीति में आए विनोद खन्ना और हेमा मालिनी भी उनके पास गए. गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ ने भी आडवाणी के साथ कुछ समय बिताया.

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