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नरेंद्र मोदी और सोशल मीडिया का मायाजाल

सोशल मीडिया, होलोग्राम अवतार और सेल्फी क्लिक करने से लेकर मोदी ने वोटरों को लुभाने के लिए इस चुनाव में सबकुछ किया है. सोशल मीडिया को हथियार बनाकर चुनाव लड़ने का आइडिया बीजेपी ने बराक ओबामा के चुनाव अभियान से उठाया था. जब बराक ओबामा ने वर्चुअल वर्ल्ड में 'यस वी कैन' का नारा लगाते हुए व्हाइट हाउस की रेस में अपने नाम कर ली.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

सोशल मीडिया, होलोग्राम अवतार और सेल्फी क्लिक करने से लेकर मोदी ने वोटरों को लुभाने के लिए इस चुनाव में सबकुछ किया है. सोशल मीडिया को हथियार बनाकर चुनाव लड़ने का आइडिया बीजेपी ने बराक ओबामा के चुनाव अभियान से उठाया था. जब बराक ओबामा ने वर्चुअल वर्ल्ड में 'यस वी कैन' का नारा लगाते हुए व्हाइट हाउस की रेस में अपने नाम कर ली.

ओबामा की ही तर्ज पर मोदी और बीजेपी ने अपना मास्टर प्लान बनाया. वर्चुअल वर्ल्ड में नरेंद्र मोदी ट्विटर और फेसबुक पर सक्रिय हैं. सोशल मीडिया के इन दोनों प्लेटफॉर्मों ने चुनाव में बड़ी भूमिका अदा की है. बीजेपी और नरेंद्र मोदी का चुनाव प्राचर भी सोशल मीडिया केन्द्रित रहा.

अगर ये कहा जाए कि 2014 का चुनाव ट्विटर इलेक्शन रहा, तो गलत नहीं होगा. बीजेपी को छोड़ मोदी अकेले ही ट्विटर पर छाए रहे हैं. हर रोज मिनटों में उनके नाम से लाखों ट्वीट होते. 1 जनवरी 2014 के बाद अब तक मोदी को लेकर 58 मिलियन ट्वीट हुए हैं. इसमें से 11.8 मिलियन ट्वीट में मोदी को टैग किया गया. मार्च के बाद मोदी की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ. यही वजह रही है मोदी के ट्वीट को रीट्वीट करने वालों की संख्या हजार, दस हजार पार करती हुई चालीस हजार के पार पहुंच गई.

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वोटों की गिनती यानि 16 मई के दिन मोदी के फॉलोवर्स की संख्या 39.87 लाख थी. जो दिन के अंत में 40.2 लाख तक पहुंच गई. एक नियत समय में इतने फॉलोवर्स हासिल करना एक रिकॉर्ड है. ट्विटर पर पूछे गए सवालों का मोदी खुद ही जवाब देते है, साथ ही लोगों को डायरेक्ट मैसेज भी भेजते हैं. हाल ही में जब दुनिया के बड़े नेताओं ने उन्हें जीत पर बधाई दी, तो मोदी ने खुद ट्वीट और मैसेज के जरिए उनका शुक्रिया अदा किया.

ट्विटर के साथ ही नरेंद्र मोदी फेसबुक पर भी उतने ही सक्रिय है. मोदी के पेज पर एक दिलचस्प बात ये है कि यहां उनके फॉलोवर्स के बराबर उनके बारे में बात करने वाले होते हैं. 16 मई को जीत के बाद डाली गई मोदी की तस्वीर को लाखों लाइक्स मिले. यहां उनकी रैलियों से लेकर कार्यक्रमों तक सभी जानकारियां होती.

ट्विटर और फेसबुक के इतर मोदी की छवि तकनीक को पसंद करने वाले व्यक्ति की है. तभी तो मोदी ने होलोग्राम तकनीक के जरिए एक ही समय में 100 से ज्यादा रैलियों को संबोधित कर डाला. चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने यह कारनामा कई बार किया. मोदी ने इस तकनीक का उपयोग चुनाव प्रचार में करके देश की जनता तक पहुंचने में बड़ी छलांग लगाई.

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पूरी दुनिया में सेल्फी का नया ट्रेंड शुरु हुआ है और नरेंद्र मोदी भी अपनी सेल्फी शेयर करने से कतराते नहीं है. वड़ोदरा में वोटिंग करने के बाद ट्वीट की गई मोदी की सेल्फी वायरल हो गई. 3 हजार से ज्यादा लोगों ने उसे रीट्वीट किया. साथ ही सेल्फी विद मोदी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. लेकिन मोदी की सेल्फी में सबसे ज्यादा पॉपुलर सेल्फी मोदी और उनकी मां हीरा बेन की हुई. जिसे 12 हजार से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया. जबकि 40 हजार ने लोगों उसे फेवरिट बताया.

लेकिन सवाल ये है कि मोदी के पास फोन कौन सा है जिससे वो अपनी सेल्फी लेते हैं. कवर से ढका यह फोन आईफोन 5एस है जिससे मोदी अपनी सेल्फी लेते हुए अक्सर खबरों में दिखते है. इन सारी चीजों के अलावा मोदी को लेकर ढेर सारे गेम भी मार्केट में आए हैं. जिसे लोगों ने हाथों लिया.

ऑनलाइन गेम खेलना भी सोसल मीडिया का ही पार्ट है. 'मोदी रन' नाम का गेम भी इनमें से एक है. जिसे 50 हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया. इस गेम में मोदी भारत के सभी राज्यों में दौड़ते हैं. जितने राज्यों में मोदी दौड़ते जाते है उन्हें उतने ही अंक मिलते है.

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इसके अलावा 'मोदी 272+' भी है, जो 'मोदी रन' की तरह ही है. वहीं, एंग्री बर्ड की तर्ज पर एंग्री वोटर भी है. उपिला के इस गेम में अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी भी है. जिसमें वोटर अपने हिसाब से अपना नेता चुनता है. इसे पांच हजार लोगों ने डाउनलोड किया.

इनके अलावा 'कुर्सी क्रिकेट' गेम भी है. इस खेल में सीमित खिलाड़ी है. नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल में से आप अपना नेता चुन सकते हैं. आप जितना स्कोर करेंगे आप के नेता को उतने ही प्वाइंट मिलेंगे. खेलने में बहुत ही आसान इस गेम को 50 हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया.

2014 के चुनावों में सोशल मीडिया को हथियार बनाकर मोदी ने साबित कर दिया वोटरों तक पहुंचने में यह काफी कारगर है. शायद यही वजह है कि युवा मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा उनके खाते में गया.

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