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दलित का शव ले जाने से रोकने का HC ने लिया संज्ञान, मांगा जवाब

वेल्लोर पुलिस के अनुसार, हाल के दिनों में भारी बारिश के कारण नारायणपुरम आदि द्रविड़ार कॉलोनी के श्मशान घाट की स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए इन लोगों ने पालर नदी के करीब एक पुराने श्मशान घाट का इस्तेमाल किया.

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मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट

  • दलित का शव ले जाने से अगड़ी जातियों ने रोका
  • वेल्लोर पुलिस ने मामले की जांच के दिए आदेश
  • मद्रास हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
तमिलनाडु के वेल्लोर में अगड़ी जाति के लोगों ने एक दलित के शव को अपनी जमीन से होकर श्मशान घाट के लिए ले जाने की इजाजत नहीं दी. अब इस पूरे मामले पर मद्रास हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है और जिला कलेक्टर को घटना पर जवाब देने को कहा है.

तमिलनाडु के वेल्लोर में अगड़ी जाति के लोगों ने एक दलित के शव को अपनी जमीन से होकर श्मशान घाट के लिए ले जाने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद शव को श्मशान पहुंचाने के लिए एक नदी पर बने 20 फीट ऊंचे पुल से रस्सी से बांधकर नीचे लाना पड़ा. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया है. अब वेल्लोर पुलिस ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है.

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आज भी कायम है जाति प्रथा

वेल्लोर जिले के वानियाम्बड़ी में अगड़ी जाति के लोग रहते हैं जहां दलितों को उनकी जमीन पर चलने की इजाजत नहीं है. थिम्मामपेट्टी पुलिस स्टेशन के एक पुलिसवाले ने बताया कि यह घटना 17 अगस्त की है, लेकिन बुधवार को यह घटना उस समय चर्चा में आई जब एक वीडियो वायरल हो गया. यह वीडियो 3.46 मिनट लंबा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि ब्रिज के पास एक शव लटका हुआ है.

दलितों के लिए अलग श्मशान की व्यवस्था

वेल्लोर में 46 साल के एक दलित एन कुप्पन की मौत हो गई थी. यहां पर दलितों के लिए अलग श्मशान है. तमिलनाडु में दलितों को आधिकारिक तौर पर आदि द्रविड़ार कहा जाता है.

पुलिस के अनुसार, हाल के दिनों में भारी बारिश के कारण नारायणपुरम आदि द्रविड़ार कॉलोनी के श्मशान घाट की स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए इन लोगों ने पालर नदी के करीब एक पुराने श्मशान घाट का इस्तेमाल किया.

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