सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने खेल में सट्टेबाजी को वैध बनाए जाने की वकालत करते हुए नया विवाद मोल ले लिया है. उन्होंने सट्टेबाजी की रेप से तुलना करते हुए कहा, 'जब आप रेप को रोक नहीं सकते तो एंजॉय करने लगते हैं.'
उन्होंने यह बात सीबीआई के गोल्डन जुबली महोत्सव में मंच से कही. जब उनसे खेल की दुनिया में एथिक्स पर सीबीआई के रोल के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'सट्टेबाजी को वैध घोषित करने में कोई नुकसान नहीं है. अगर आप सट्टेबाजी पर बैन लागू नहीं कर पाते तो उसे मान्यता दे दो. यह कुछ ऐसा ही है कि आप रेप नहीं रोक सकते तो उसे इंजॉय करने लगो.'
'बैन लागू करवा पाना मुश्किल है'
सीबीआई डायरेक्टर ने कहा, 'अगर हम कुछ प्रदेशों में लॉटरी करवा सकते हैं, कुछ जगहों पर कैसीनो की इजाजत दे सकते हैं, जब सरकार काले धन को स्वेच्छा से उजागर करने की योजनाएं ला सकती है तो सट्टेबाजी को मान्यता देने में क्या नुकसान है? बैन लगाने की बात कहना, उसे लागू कराने से कहीं ज्यादा आसान है.'
सिन्हा पर चौतरफा प्रहार
रंजीत सिन्हा के इस बयान को महिला विरोधी बताते हुए बीजेपी समेत कई महिला संगठनों ने घोर आपत्ति जताई है. पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सिन्हा के इस्तीफे की मांग कर डाली है. पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि रंजीत सिन्हा का बयान किसी भी तरह स्वीकार करने योग्य नहीं है. उन्होंने हैरानी जताई कि इतने बड़े पद पर बैठा शख्स ऐसा बयान कैसे दे सकता है. बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी ने भी रंजीत सिन्हा के इस बयान की कड़ी आलोचना की.
CBI ने दी सरकारी-सी सफाई
हालांकि बाद में सीबीआई की ओर से इस बयान पर सफाई दी गई. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि सिन्हा का बयान एक खास संदर्भ में था. जांच एजेंसी की ओर से दी गई सफाई में कहा गया, 'आरएम सवानी और क्रिकेटर राहुल द्रविड़ और सीबीआई निदेशक से इस पर राय ली गई. सीबीआई निदेशक के कहने का इतना ही मतलब था कि अगर कानून लागू नहीं किया जा सकता तो इसका मतलब यह नहीं है कि कानून होना ही नहीं चाहिए.'
इस कार्यक्रम में मौजूद क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने भी सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की वकालत की. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर एजेंसियों को वाकई लगता है कि सट्टेबाजी को मान्यता देने से करप्शन घटेगा और प्रशासनिक स्तर पर चीजें आसान होंगी, तो मैं भी इसके पक्ष में हूं.'