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YSR परिवार में तीसरी अप्राकृतिक मौत, वाई एस विवेकानंद रेड्डी मृत मिले

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई और पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी कडप्पा जिले में अपने आ‍वास पर शुक्रवार को मृत पाए गए.

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वाई एस विवेकानंद रेड्डी
वाई एस विवेकानंद रेड्डी

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई और पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी कडप्पा जिले में अपने आ‍वास पर शुक्रवार को मृत पाए गए. सुबह जब रेड्डी को उनके कर्मचारियों ने मृत पाया तो फौरन पुलिस को सुचना दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सीआरपीसी की धारा 174 (अप्राकृतिक मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

स्थानीय अस्पताल में पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ की मामला हत्या से जुड़ा है जिसके बाद पुलिस ने अब IPC की धारा 302  भी लगाई है. उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की जबकि आंध्रप्रदेश सरकार ने इस मौत की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) अमित गर्ग की अगुवाई में एक विशेष जांच गठित की है.

वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके चाचा की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने पुलीवेंदुला में घटनास्थल का दौरा करने के बाद मौत को ‘राजनीतिक रूप से नीच हरकत’ करार देते हुए संवाददाताओं से कहा कि केवल सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आएगी.

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उन्होंने कहा कि तीसरे पक्ष से ही जांच होने पर न्याय होगा क्योंकि वाईएसआर को राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है.उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार विवेकानंद की मौत को प्राकृतिक दिखाने के लिए सबूत गढ़ रही है.

जगन मोहन रेड्डी ने सवाल किया कि वह (सरकार) मेरे चाचा द्वारा कथित रूप से लिखे गए एक पत्र सामने लाई है उसमें ड्राइवर का नाम है. जब किसी की हत्या की जा रही हो तो कैसे वह पत्र लिख सकता है.

वाईएस परिवार में यह तीसरी अप्राकृतिक मौत है. कडप्पा क्षेत्र में इस परिवार का बड़ा राजनीतिक प्रभाव है. वाई एस राजा रेड्डी की 1998 में हत्या कर दी गयी थी. इसी परिवार से जुड़े पूर्व मुख्यमंत्री एम एस राजशेखर रेड्डी की 2009 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गयी थी. 68 वर्षीय वाई एस विवेकानंद रेड्डी की पहचान जमीन से जुड़े हुए नेता की थी. वह 1989 और 1994 में अपने गृहनगर पुलीवेंदुला से विधायक निर्वाचित हुए थे. वह कडप्पा क्षेत्र से 1999 और 2004 में सांसद भी रह चुके थे. इसके बाद 2009 में वह विधान परिषद के सदस्य रहे थे.

पुलिस ने बताया कि उनके माथे, सिर, पीठ, हाथ और जांघ पर चोट के निशान थे. कडप्पा के पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा ने कहा कि हमने मामले को गंभीरता से लिया है और सभी कोणों से इसकी जांच कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक आर पी ठाकुर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और उनसे इस मामले की कड़ी जांच करने और दोषियों को नहीं बख्शने को कहा है.

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