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कर्मचारियों की धूम्रपान व शराब की लत कंपनियों पर भारीः सर्वे

कर्मचारियों की धूम्रपान तथा शराब की लत की कंपनियों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है. ऐसे कर्मचारियों से कंपनियों को सालाना 700 से 800 करोड़ रुपये का चूना लगता है. वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम के एक सर्वे में यह दावा किया गया है.

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कर्मचारियों की धूम्रपान तथा शराब की लत की कंपनियों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है. ऐसे कर्मचारियों से कंपनियों को सालाना 700 से 800 करोड़ रुपये का चूना लगता है. वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम के एक सर्वे में यह दावा किया गया है.

सर्वे के अनुसार कारपोरेट जगत के 29 प्रतिशत कर्मचारी ‘खुद को नुकसान पहुंचाने’ वाली इन गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं. धूम्रपान, शराब पीने तथा जंक फूड खाने से आगे चलकर वह गंभी बीमारियों से घिर जाते हैं.

एसोचैम के महासचिव डी एस रावत का कहना है, ‘इस कारण कारपोरेट कार्यालयों में उपस्थिति 20 प्रतिशत तक कम रहती है और उत्पादकता घटती है जो सालाना 700 से 800 करोड़ रुपये का नुकसान करवाती है.’

सर्वे का कहना है कि 12 प्रतिशत कर्मचारी अनाप शनाप जंक फूड खाते हैं. सर्वेक्षण सिर्फ 216 कर्मचारियों पर आधारित है. कर्मचारियों के सोने और व्यायाम के घंटों पर सर्वे में कहा गया है कि काम का दबाव अधिक रहने से कर्मचारियों की दिनचर्या भी बिगड जाती है इसका भी प्रति कर्मचारी उत्पादकता पर असर पडता है.

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