कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार सितंबर में मॉनसून सत्र शुरू करने की तैयारी में जुटी है तो विपक्ष चीन के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प और सीमा विवाद को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि विपक्ष सरकार से इस संबंध में श्वेत पत्र लाने की मांग कर सकती है.
मॉनसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं क्योंकि गलवान घाटी को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है. अगले महीने सितंबर में होने वाले मॉनसून सत्र में भारत-चीन विवाद और गलवान घाटी का मुद्दा हावी रहेगा.
सत्र के लिए तैयारी में जुटा विपक्ष
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस मसले पर विपक्षी दल सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग भी रख सकते हैं. संसद का मॉनसून सत्र 10 सितंबर से बुलाए जाने की संभावना है. इसके लिए सरकार अपनी सारी तैयारी कर रही है.
कोरोना महामारी के चलते संसद का बजट सत्र आनन-फानन में स्थगित कर दिया गया था. इसी के तहत 22 सितंबर को मॉनसून सत्र बुलाए जाने की मियाद खत्म हो रही है.
ऐसे में बताया जा रहा है कि 10 सितंबर से मॉनसून सत्र 2 हफ्ते के लिए बुलाया जा सकता है. इसको लेकर सरकार अन्य सियासी दलों से भी चर्चा कर रही है.
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मॉनसून सत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी भी अपनी रणनीति बना रही है और सरकार को घेरने के लिए वह गलवान मसले पर बाकी विपक्षी दलों से भी रायशुमारी कर रही है.
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कांग्रेस को लगता है कि कथित चीनी घुसपैठ पर सरकार की टालमटोल को लेकर विपक्ष को एकजुट किया जा सकता है. पार्टी का एक धड़ा यह भी मानता है कि इस मसले पर श्वेत पत्र लाने की मांग कर सकती है.
अधीर रंजन ने स्पीकर को लिखा पत्र
इस बीच कांग्रेस पार्टी के लोकसभा के नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी है. स्पीकर को लिखे पत्र अधीर रंजन ने फिजिकल अटेंडेंस के साथ-साथ डिजिटल अटेंडेंस की भी अनुमति दिए जाने की बात कही है.
अधीर रंजन चौधरी ने अपने पत्र में लोकसभा के ऐप के जरिए सांसदों को बोलने का मौका दिए जाने की बात कही है.
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कोरोना महामारी के चलते कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर मॉनसून सत्र में शारीरिक उपस्थिति के साथ-साथ ऐप के जरिए भी सांसदों को संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने का ऑप्शन दिए जाने की बात कही है.