सरकार ने गुरुवार को कहा कि आईएएस सहित तीनों अखिल भारतीय सेवाओं में राज्य सेवा के अधिकारियों के प्रवेश के लिए उसने अधिकतम आयु सीमा 54 से बढ़ाकर 56 वर्ष कर दी है. हालांकि कुछ राज्यों ने इस पर आपत्ति जताई थी.
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य सरकारों और कैडर नियंत्रण प्राधिकारों के परामर्श से तीनों अखिल भारतीय सेवाओं यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिय सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) में राज्य सेवा के अधिकारियों के प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा 54 वर्ष से बढ़ाकर 56 वर्ष करने का निर्णय लिया है.
इस संबंध में दो दिन पहले अधिसूचना जारी की गयी है. उन्होंने कहा कि शुरू में यह आयु सीमा 52 साल निर्धारित की गयी थी और बाद में इसे बढ़ाकर 54 साल किया गया. उस समय सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल थी. बाद में सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल हो जाने के बाद कई पक्षों ने राज्य सेवा के अधिकारियों के लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 56 साल करने की मांग की थी.
सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रपति प्रशिक्षण नीति के कार्यान्वयन के समन्वय के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग नोडल विभाग है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत विभागों और मंत्रालयों से अपनी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करना अपेक्षित होता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय प्रशिक्षण और सामाजिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के माध्यम से तनाव नियंत्रण और दक्षता सुधार के संबंध में कार्यक्रम आयोजित करने का कोई प्रस्ताव कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पास विचाराधीन नहीं है.
उन्होंने कहा कि तनाव दूर करने के लिए योग, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों आदि का आयोजन किया जाता है. तनाव दूर करने की दिशा में योग की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठत मोरारजी देसाई योग संस्थान के सहयोग से अप्रैल महीने में देश भर में योग के 40 केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं.