कश्मीरी पंडितों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर के लिए निर्धारित वार्ताकारों के विचार देश की भावनाओं से बिलकुल अलग हैं.
पनून कश्मीर (पीके) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार श्रुंगू ने कहा कि वार्ताकारों ने जो कुछ भी विचार रखे, वे कश्मीर मामले में पूरे देश की भावनाओं से अलग हैं.
उन्होंने कहा कि वार्ताकारों में से एक, दिलीप पडगांवकर ने कश्मीर मामले को ‘विवाद’ की संज्ञा दी, जो किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता.
हाल ही में दिल्ली में हुए एक सम्मेलन के बारे में पीके नेता ने कहा कि सेमिनार में मौजूद सभी चेहरे ऐसे थे, जो ‘खुले तौर पर भारत में अलगाववाद और आतंकवाद का प्रतीक’ हैं. इस सम्मेलन में हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सय्यद अली शाह गिलानी ने भी शिरकत की थी.