कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार केरल के मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री रह चुके के करुणाकरण का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया.
करुणाकरण को 10 दिसंबर को सांस लेने में गंभीर समस्या और बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हृद्याघात के बाद बुधवार को उनकी हालत बिगड़ गई थी और तब से वह वेंटिलेटर पर थे.
स्ट्रोक के बाद से करुणाकरण वेंटिलेटर पर थे. देश में एक नेता के तौर पर उनका काफी सम्मान था.
उनके पुत्र मुरलीधरन और पुत्री पद्मजा अस्पताल में उपस्थित थे. करुणाकरण 1995 में एक साल की संक्षिप्त अवधि के लिए केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे. करुणाकरण को देश की गठबंधन राजनीति के मुख्य शिल्पकारों में से एक समझा जाता है.
गत 10 दिसंबर को सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले तक वह राजनीति में सक्रिय थे. यद्यपि शुरूआती दिनों में उनकी हालत में सुधार के संकेत थे लेकिन स्ट्रोक के बाद उनकी हालत गंभीर हो गई थी.
उनकी पत्नी कल्याणिकुट्टी अम्मा की 15 साल पहले मृत्यु हो गई थी. उनके परिवार में पुत्र के मुरलीधरन (केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष) और पुत्री पद्मजा वेणुगोपाल (केपीसीसी कार्यकारिणी समिति सदस्य) हैं.
करुणाकरण का जन्म कन्नूर जिले के चिराक्कल में पांच जुलाई 1918 को रावुन्निया माड़ड़ और कन्नोथ कल्याणी अम्मा के परिवार में हुआ था.
करुणाकरण एक मंझे हुए नेता थे और उनके समर्थक उन्हें ‘चाणक्य’ कहा करते थे.