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राजस्थान: कोरोना टीका को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों में उत्साह नहीं, गहलोत ने बताई वजह

सीएम गहलोत का मानना है कि दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों के बीच व्यवसायिक कारणों से हुई बयानबाजी ने भी टीकाकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन को लेकर गाइडलाइंस जारी की है.

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राजस्थान में वैक्सीनेश का प्रतिशत कम क्यों? (सांकेतिक फोटो)
राजस्थान में वैक्सीनेश का प्रतिशत कम क्यों? (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान में कोरोना वैक्सीनेशन का प्रतिशत कम
  • सीएम गहलोत ने बताया कम वैक्सीनेशन का कारण
  • टीकाकरण को लेकर स्वास्थ कर्मियों में नहीं दिख रहा उत्साह

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर कहा है कि टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मी बहुत कम संख्या में आगे आ रहे हैं. उन्होंने हेल्थ वर्कर्स से अपील करते हुए कहा है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में मेडिकल स्टाफ वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं. 

सीएम गहलोत का मानना है कि दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों के बीच व्यवसायिक कारणों से हुई बयानबाजी ने भी टीकाकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन को लेकर गाइडलाइंस जारी की है.

सीएम ने कहा कि ये गाइडलाइंस अगर पहले जारी की गई होती तो लोगों को कोरोना वैक्सीन पर भरोसा और ज्यादा बढ़ता. मेरी सभी हेल्थ वर्कर्स से अपील है कि वो कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं. 

कोरोना टीकाकरण के तीसरे दिन मंगलवार को राजस्थान में  8833 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए जो तय किए गए लक्ष्य का लगभग 54.89 प्रतिशत है. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मंगलवार को राज्य के 33 जिलों के 167 टीकाकरण केंद्रों पर 16,092 स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण का टीका लगाया जाना था. 

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उन्होंने बताया कि शाम छह बजे तक 8833 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण हुआ. यानी लक्ष्य की तुलना में 54.89 प्रतिशत स्वास्थ्य यकर्मियों को टीका लगाया गया. राज्य में एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव) के आठ मामले सामने आए हैं. 

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बता दें, शनिवार से देशव्यापी अभियान के साथ राज्य में कोरोना प्रतिरक्षण टीकाकरण की शुरुआत हुई है. सप्ताह में कुल चार दिन टीकाकरण का कार्यक्रम रहता है.

 

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