जोधपुर की एक अदालत ने बुधवार को काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले में अभिनेता सलमान खान का बयान दर्ज किया. वह शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं. वहीं, अदलात ने सलमान के खिलाफ शस्त्र अधिनियम और वन्यजीव कानून के तहत दर्ज दो मामलों को एक साथ जोड़ने की याचिका को खारिज कर दिया है.
सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत के अनुसार, 'सलमान ने अपने बयान में कहा कि न तो वह अवैध हथियार रखते हैं और न ही उन्होंने काले हिरण का शिकार किया है.' अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है.
सलमान ने अदालत में दिए अपने बयान में कहा कि जोधपुर में उनके पास कोई हथियार नहीं था और हथियार मुंबई में थे. उन्होंने कहा कि जब वन विभाग ने उनसे कहा उसके बाद ही उन्होंने उन हथियारों को मुंबई से जोधपुर मंगाया था. सलमान ने अदालत में यह भी कहा कि वह शिकार में शामिल नहीं थे और जांच अधिकारी तथा वन अधिकारी ने उनके खिलाफ मामला गढ़ा है.
दूसरी ओर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रकला जैन ने अभिनेता के दो मामलों को जोड़ने की याचिका को खारिज कर दिया और सिलसिले में बयान दर्ज कराते रहने का निर्देश दिया है. सलमान ने अदालत से अनुरोध किया था कि शस्त्र अधिनियम के तहत एक मामले को और 1-2 अक्टूबर 1998 की दरमियान रात को काले हिरण के शिकार से जुड़े दूसरे मामले को मिला दिया जाए.
सलमान ने अपने आवेदन में दलील दी थी कि शस्त्र कानून के तहत मामला बयान दर्ज करने के स्तर पर पहुंच गया जबकि शिकार के मामले में यह अभी शुरू नहीं हुई है, जिसमें उन्होंने तथाकथित हथियारों का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था. सरकारी अभियोजक उपेंद्र शर्मा ने कहा सलमान ने अदालत से गुहार लगाई की भविष्य की सुनवाई के लिए दोनों मामलो को मिला दिया जाए और शिकार वाले दूसरे मामले को बयान दर्ज करने के स्तर तक पहुंचने तक पहले मामले में बयान दर्ज करने पर रोक लगाई जाए.
गौरतलब है कि जोधपुर में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान कनकनी गांव के बाहरी इलाके में एक और दो अक्टूबर 1998 को कथित रूप से दो काले हिरणों का शिकार हुआ था. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इन पशुओं का शिकार वर्जित है.
सलमान खान सहित फिल्म में कुछ अन्य कलाकारों पर भी काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा था. इसी दौरान सलमान पर अवैध हथियार रखने का भी आरोप लगा था.