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राजस्थान: ढाई साल पहले 30 लाख में बनी सरकारी ड‍िस्पेंसरी, आज तक पड़ा है ताला

राजस्थान में करीब ढाई वर्ष पहले 30 लाख रुपये की लागत से बनाया गया प्राथम‍िक स्वास्थ्य केंद्र आज भी शुरू नहीं हो सका है.

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ड‍िस्पेंसरी में लगा ताला.
ड‍िस्पेंसरी में लगा ताला.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वास्थ्य केंद्र पर ढाई साल से लटका है ताला
  • 30 लाख रुपये की लागत से बना है अस्पताल
  • अस्पताल का निर्माण करीब ढाई वर्ष पहले हुआ

राजस्थान में गहलोत सरकार गांव-गांव में लोगों को स्वास्थ्य योजनाओं के फायदे गिना रही है, वहीं धौलपुर जिले में 30 लाख रुपये से बनी पीएचसी लोकार्पण के बाद से अब तक ताला खुलने का इंतजार कर रही है.

पीएचसी शुरू नहीं होने से क्षेत्र के ग्रामीणों को सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते लोगों को उपचार लेने के लिए धौलपुर जिला मुख्यालय सहित अन्य कस्बों में जाना पड़ रहा है. वहीं, चिकित्सा विभाग की मानें तो उनके रिकॉर्ड में उक्त गांव में कोई अस्पताल है ही नहीं.

मामला धौलपुर जिले के सैंपऊ उपखंड क्षेत्र के इंदौली गांव का हैं. जहां चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन होने के करीब ढाई वर्ष बाद भी यहां अस्पताल का ताला नहीं खुल सका है. इस अस्पताल का निर्माण ऐसे समय में शुरू हुआ क‍ि यहां उद्घाटन के बाद से अब तक ताला जड़ा हुआ है और ग्रामीण सुविधाओं के मोहताज बने हुए हैं. 

गहलोत सरकार के पूर्व संसदीय सचिव एवं वर्तमान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की ओर से ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार के द्वारा इस स्वास्थ्य केंद्र को करीब ढाई वर्ष पहले तीस लाख रुपये की लागत से बनाया गया था. चिकित्सा विभाग के द्वारा विधायक मलिंगा द्वारा पीएचसी का उद्घाटन तो करवा दिया लेकिन ग्रामीणों के साथ बड़ी अनदेखी करते हुए यहां किसी भी स्टाफ की तैनाती नहीं की गई जिससे ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा का आज तक लाभ नहीं मिला है. 

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अस्पताल को खुलवाने के लिए लिखित में शिकायत

ग्रामीणों की ओर से ग्राम पंचायत मुख्यालय पर लगे प्रशासन गांव के संग शिविर में अस्पताल को खुलवाने के लिए लिखित में शिकायत की है और पूर्व में भी कई बार चिकित्सा महकमे के उच्च अधिकारियों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्सिंग कर्मियों एवं चिकित्सकों को तैनात करने की मांग कर चुके है. लेकिन हर बार कोरे आश्वासन के कुछ नहीं मिलता है. ऐसे में अब ग्रामीणों के सब्र की सीमा समाप्त हो गई है और उन्होंने जिला कलेक्टर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इंदौली में स्टाफ की नियुक्ति की मांग की है.

पूर्व सरपंच अमर सिंह ने बताया कि 24 जून, 2019 को राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इंदौली का उदघाटन हुआ था. 30 लाख रुपये की लागत से हॉस्पिटल बना था लेकिन इस अस्पताल में आजतक कोई भी चिकित्साकर्मी यहां नहीं बैठा. सरकार इस अस्पताल को जल्द शुरू करे.

लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है कई किलोमीटर

ग्रामीण रमाकांत शर्मा ने बताया कि 2019 में अस्पताल का उद्घाटन हुआ था, लेकिन आज तक इसमें कोई भी डॉक्टर या दूसरा चिकित्साकर्मी नहीं आया. हम लोगों को इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. सरकार इस अस्पताल को जल्द शुरू करे.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि अस्पताल में ताला लगने की जानकारी मेरे संज्ञान में आई हैं. इसको लेकर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

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