देश में कोरोना की दूसरी लहर से त्राहिमाम मचा है. हर रोज कोरोना से संक्रमण के करीब डेढ़ लाख नए मामले सामने आ रहे हैं. मृतकों की तादाद भी हर रोज बढ़ रही है. इन सबके बीच सख्ती का दौर भी फिर से लौटने लगा है. कहीं-कहीं सरकारों ने संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है तो कहीं-कहीं सख्ती बढ़ाने के साथ ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है.
राजस्थान सरकार ने राजधानी जयपुर समेत 10 शहरी इलाकों में नाइट कर्फ्यू लागू करने और इसका सख्ती से पालन कराने का दो दिन पहले ही ऐलान किया था. उदयपुर में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि अन्य जगह रात 8 से सुबह 6 बजे तक ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. नाइट कर्फ्यू की इस अलग-अलग टाइमिंग को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है.
राजस्थान सरकार के इस फैसले को भेदभाव से भरा बताते हुए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने मोर्चा खोल दिया है. कटारिया ने इसे उदयपुर के साथ भेदभाव बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर यह भेदभाव खत्म नहीं हुआ तो इसके खिलाफ जन आंदोलन होगा.
बीजेपी के कद्दावर नेता ने कहा कि उदयपुर अकेला ऐसा शहर है जहां शाम 6 से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. उदयपुर को छोड़ दें तो अन्य शहरों में रात के 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू है. कटारिया ने इसे भेदभाव भरा बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर इसे हटाने के लिए कहा है. अगर यह भेदभाव खत्म नहीं किया गया तो 12 अप्रैल से जन आंदोलन होगा.
कटारिया ने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवेदन किया गया है. गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले देख सख्ती बढ़ाई है. सरकार ने 10 शहरी इलाकों में 30 अप्रैल तक के लिए नाइट कर्फ्यू लागू किया है. बता दें कि गुलाबचंद कटारिया उदयपुर संभाग से आते हैं. कटारिया की गिनती उन नेताओं में होती है, जिनका उदयपुर क्षेत्र की राजनीति में अच्छा रसूख है.