कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी को 15 मिनट बिना पढ़े बोलने की चुनौती का जवाब देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी के पास कोई मुद्दा नहीं होता है तो जानबूझकर मुद्दे को भटकाने की कोशिश करते हैं.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सवाल पूछ रहे हैं किसानों को लेकर, युवाओं को लेकर, लेकिन वह जवाब देने के बजाए उसको अलग ढंग से ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. यही काम इन्होंने गुजरात में किया था. इनके पास जब जवाब नहीं होता है तो ये यही काम करते हैं और ये इस काम में माहिर है, लेकिन कर्नाटक की जनता इन चीजों में अब नहीं पड़ने वाली. लोग इनको समझने लगे हैं और कर्नाटक के चुनाव में इनको जवाब मिलेगा.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज जैसा माहौल कभी देश में नहीं रहा. आज न्यायपालिका भी सुरक्षित नहीं रह गई. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश कह रहे हैं कि न्यायपालिका में सब कुछ ठीक नहीं है, इस तरह की न्यायपालिका में स्थिति लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.
दलितों के घर खाना नौटंकी
अशोक गहलोत ने बीजेपी के दलितों के घर खाना खाने के प्लान को भी नौटंकी करार देते हुए कहा कि यह लोग बाहर से खाना मंगा कर दलितों कर खाते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यही करते हैं और इनके बाकी नेता भी यही कर रहे हैं क्योंकि इनकी मानसिकता में यही है.
राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाने को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे की नरेंद्र मोदी और अमित शाह बेइज्जती कर रहे हैं और इससे राजस्थान की बेइज्जती हो रही है. वसुंधरा राजे को इस्तीफा दे देना चाहिए.
कांग्रेस में युवाओं को मौका दिए जाने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह बात वह सचिन पायलट के लिए नहीं कह रहे हैं बल्कि कांग्रेस के सभी युवाओं के लिए कह रहे हैं कि जो लकीरें खींची हुई है उससे लंबी लकीर खींच कर पार्टी में अपनी जगह बनाएं.
राजस्थान के हालात पर बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि अधिकारियों को वह चेतावनी देते हैं कि सरकार आखिरी में गलत काम करने उतरे तो उसमें सहयोग नहीं करें क्योंकि सरकार चली जाएगी तो अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.