पंजाब के तरनतारन उपचुनाव से जुड़े विवाद ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया, जब शिरोमणि अकाली दल (SAD) उम्मीदवार सुखविंदर कौर रंधावा की बेटी कंचनप्रीत कौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह वही मामला है, जो 11 नवंबर को हुए उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को धमकाने, फर्जी मुकदमों और पुलिस के दुरुपयोग से जुड़ा बताया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, 32 वर्षीय कंचनप्रीत कौर आज शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे जांच के लिए मजीठा पुलिस स्टेशन पहुंची थीं. लगभग पांच घंटे बाद शाम 5:30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी की पुष्टि पूर्व अकाली विधायक और अकाली दल वारिस के वरिष्ठ नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने की.
पुलिस ने गिरफ्तारी जिन धाराओं के तहत की है, उनमें BNS की धारा 174, 351(2), 513 और अतिरिक्त धारा 111 शामिल हैं. हालांकि, गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही वल्टोहा सरकार और पुलिस पर बरस पड़े. उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा केस झूठा और साजिशन बनाया गया है.
वल्टोहा ने कहा कि जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, वे सात साल से कम सजा वाली श्रेणी में आती हैं. ऐसे मामलों में कानून के मुताबिक गिरफ्तारी से पहले सात दिन का नोटिस देना अनिवार्य है. उनका आरोप है कि अदालत ने भी कंचनप्रीत को पहले ही इस बारे में राहत देते हुए यही आदेश दिया था, लेकिन पुलिस और सरकार ने इस कानूनी प्रावधान की खुली अवहेलना की.
उन्होंने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, “पंजाब की बेटी को ऐसे झूठे केस में गिरफ्तार करना शर्म की बात है. वह एक सैनिक की बेटी है और दो साल के बच्चे की मां है. सरकार महिलाओं के सम्मान की बात करती है, लेकिन व्यवहार में कुछ और ही कर रही है.”