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सुनवाई के दौरान बिस्तर पर लेटे थे पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, अदालत ने जमकर लगाई फटकार

पूछे जाने पर सुमेध सिंह सैनी ने कहा कि मैं अस्वस्थ हूं और बुखार से पीड़ित हूं. हालांकि उनकी ओर से तबीयत खराब होने के संबंध में कोई मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं पेश किया गया था.

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पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी. -फाइल फोटो.
पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी. -फाइल फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोर्ट ने कहा- भविष्य में दोबारा ऐसा न हो, कोर्ट की मर्यादा बनाए रखें
  • सैनी ने कहा- मेरी तबीयत खराब, मैं बुखार से पीड़ित हूं

पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फटकार लगाई है. दरअसल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई के दौरान पूर्व डीजीपी बिस्तर पर लेटे हुए थे. स्पेशल कोर्ट के जज संजीव अग्रवाल ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सैनी को कोर्ट की मर्यादा बनाए रखने की चेतावनी दी. बता दें कि सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मी 1994 में पंजाब में तीन लोगों के कथित अपहरण और हत्या के मामले में आरोपी हैं.

हालांकि चेतावनी के बाद सैनी ने कोर्ट को बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और वे बिस्तर से उठने में असमर्थ हैं. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी. साथ ही सैनी को दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी भी दी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी नंबर एक सुमेध सैनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए. इस दौरान वे बिस्तर पर लेटे हुए थे. पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं अस्वस्थ हूं और बुखार से पीड़ित हूं. हालांकि उनकी ओर से तबीयत खराब होने के संबंध में कोई मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं पेश किया गया है. इसलिए सैनी को वीसी के जरिए कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस तरह के व्यवहार न करने और अदालत की मर्यादा बनाए रखने की चेतावनी दी जाती है.

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पूर्व डीजीपी पर क्या है आरोप

दरअसल, करीब 30 साल पहले सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे. 1991 में उन पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें उनकी सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे, वहीं सैनी भी घायल हो गए थे. मामले में तब के आईएसएस अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था. बाद में पुलिस ने बलवंत के पुलिस हिरासत से भाग जाने की जानकारी दी थी जबकि बलवंत के परिजनों के मुताबिक, गुरदासपुर जिले के कादियां थाने में पुलिस ने बलवंत को इतना टॉर्चर किया कि उसकी मौत हो गई, बाद में पुलिस ने उसके भागने की झूठी कहानी बताई थी.

इस मामले में बलवंत के परिजन की ओर से शिकायत दर्ज कराई थी. 2007 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने सैनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था. इसी मामले में दो साल पहले सैनी के खिलाफ चंडीगढ़ में अपहरण या हत्या के लिए अपहरण, साक्ष्य मिटाने, गलत तरीके से कारावास और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों को लेकर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

54 साल की उम्र में बने थे डीजीपी

सुमेध सिंह सैनी पंजाब में सबसे कम उम्र में डीजीपी बने थे. पिछली अकाली-भाजपा गठबंधन वाली सरकार में 54 साल की उम्र में डीजीपी बन गए थे. 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ घोटाले के केस दर्ज कराने को लेकर भी सैनी सुर्खियों में थे. कहा जाता है कि इसके बाद सैनी के रिश्ते सुखबीर सिंह बादल से अच्छे हो गए थे. इसलिए उन्हें पंजाब पुलिस की कमान सौंपी गई थी.

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