
पंजाब में बाढ़ से निपटने के लिए भगवंत मान सरकार ने तेजी से कदम उठाए हैं. संकट के बीच सिर्फ़ बैठकें करने के बजाय मान सरकार ने 2 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की और 8 मंत्रियों को सीधे फील्ड में उतारा. साथ ही किसानों के नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश भी दिए गए.
पिछले तीन वर्षों में बाढ़ से बचाव के लिए 276 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम हुआ, जिसका असर अब दिखाई दे रहा है. ये योजनाएं संकट की घड़ी में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं. लिहाजा मान सरकार ने आपदा प्रबंधन में राहत के साथ रोकथाम और तैयारी पर फोकस किया.

पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने फ़िरोज़पुर और तरन तारन ज़िलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और भरोसा दिलाया कि फसल और अन्य नुक़सान का मुआवज़ा दिया जाएगा. उन्होंने मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ सतलुज नदी के हरिके हेडवर्क्स से लेकर धुस्सी बांध तक हालात का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. सरकार ने 8 मंत्रियों को अलग-अलग ज़िलों में राहत कार्यों की निगरानी का ज़िम्मा सौंपा है. बरिंदर गोयल ने कहा कि प्रशासन का मुख्य लक्ष्य प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना, स्वास्थ्य सेवाएं, राशन और पशुओं की देखभाल सुनिश्चित करना है.

इसी तरह हरदीप सिंह मुंडिया ने सुल्तानपुर लोधी के बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात की. उन्होंने विशेष गिरदावरी के आदेश दिए ताकि फसल नुक़सान का सही आकलन कर मुआवज़ा दिया जा सके. सरकार ने कपूरथला ज़िले के लिए 2 करोड़ रुपये जारी किए हैं. उधर, डॉक्टर बलबीर सिंह ने कपूरथला के प्रशासन के साथ बैठक कर राहत कार्यों की समीक्षा की.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत वितरण, दवाओं, पीने के पानी और पशु चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग को नियमित जांच और मच्छरनाशी छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं. इस बीच, ब्यास नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ है, हालांकि अब भी खतरे के निशान के करीब बह रहा है.