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नवजोत सिद्धू के घर की छत पर नकाब में दिखा अनजान शख्स, पत्नी ने एक हफ्ते पहले सुरक्षा घटाने पर जताई थी चिंता

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू 35 साल पुराने रेड रेज के एक मामले में 10 महीने की सजा काटने के बाद 1 अप्रैल को जेल से बाहर आए हैं. वहीं पंजाब सरकार ने उनकी सुरक्षा घटा दी है, जिसका पिछले हफ्ते ही उनकी पत्नी ने विरोध किया था. अब सिद्धू ने दावा किया कि एक संदिग्ध शख्स उनके घर की छत तक पहुंच गया, हालांकि अलार्म बजाने पर वह भाग निकला.

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नवजोत सिंह सिद्धू 1 अप्रैल को जेल से छूटे थे (फाइल फोटो)
नवजोत सिंह सिद्धू 1 अप्रैल को जेल से छूटे थे (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला में अपने घर में एक संदिग्ध व्यक्ति के घुसने का दावा किया है. उन्होंने ट्वीट किया, "आज मेरे घर की छत पर ग्रे कंबल में लिपटे एक अज्ञात संदिग्ध व्यक्ति को करीब 7:00 बजे देखा गया, जैसे ही मेरे नौकर ने अलार्म बजाया और मदद के लिए पुकारा लेकिन वह तुरंत भाग निकला. पंजाब पुलिस के डीजीपी से बात की है और एसएसपी पटियाला को भी सूचना दी गई. इसके बाद उन्होंने सीएम भगवंत मान को टैग करते हुए लिखा कि- सुरक्षा में यह चूक मुझे पंजाब के लिए आवाज उठाने से नहीं रोक पाएगी. उनका यह ट्वीट उस चेतावनी के एक हफ्ते बाद आया, जिसमें नवजोत कौर ने अपने पति सिद्धू की सुरक्षा को लेकर सीएम भगवंत मान पर निशाना साधा था.

नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्विटर पर जानकारी दी

नवजोत कौर ने कहा था- सीएम होंगे जिम्मेदार

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा कम किए जाने पर उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर ने 11 अप्रैल को पंजाब सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर सीएम भगवंत मान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उनके पति को कुछ होता है तो वह सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे. उन्होंने लिखा था- पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री! मेरे पति एक ऐसे नेता हैं, जिनके बहुत समर्थक हैं. पंजाब के प्रति अपने प्रेम के कारण वह दिन-रात यात्रा कर रहे हैं. लॉरेंस बिश्नोई के एक बयान में उनका जिक्र होने के बावजूद आपने उनकी सुरक्षा में कटौती कर दी है. आप किसी भी नुकसान के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे. 

10 महीने बाद जेल से बाहर आए नवजोत

नवजोत सिंह सिद्धू 10 महीने की कैद काटने के बाद 1 अप्रैल को जेल से बाहर आ गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 19 मई को रोड रेज एक केस में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई थी, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को उनके अच्छे व्यवहार के चलते 2 महीने पहले ही रिहा कर दिया गया. दरअसल 27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे. इसी मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई. बात हाथापाई तक जा पहुंची. सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया. उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ था.

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