जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने, ट्रिपल तलाक पर कानून बनने और राम मंदिर विवाद पर फैसला आने के बाद अब समान नागरिक संहिता (Common Civil Code) को लेकर बहस तेज हो गई है. भाजपा और उसके ज्यादातर समर्थित दल कॉमन सिविल कोड का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दलों के नेता इसे भाजपा की राजनीतिक चाल बता रहे है.
BJP नेता और हरियाणा भाजपा के IT विभाग के प्रभारी अरुण यादव के ट्वीट ने इस बहस को और हवा दे दी है. दरअसल, अरुण ने शनिवार को ट्वीट किया कि गृहमंत्री अमित शाह ने कॉमन सिविल कोड को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है. यादव के ट्वीट के मुताबिक, शाह ने मध्य प्रदेश में कहा, 'राममंदिर, CAA, ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 हो गया. अब कॉमन सिविल कोड की बारी है.'
इसके बाद अब कांग्रेस और सपा से लेकर भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी तक का बयान सामने आने लगा. कांग्रेस ने इसे भाजपा की राजनीति करार दिया तो वहीं समाजवादी पार्टी ने कहा है कि भाजपा चाहे जो कानून बनाए, उसे किसने रोका है. वहीं, बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी ने इस मुद्दे पर खुलकर भाजपा का समर्थन किया. पार्टी ने कहा है कि राष्ट्रवाद सबसे पहले है.
विपक्ष साथ नहीं देगा तो भी रुकने वाले नहीं: मौर्य
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि गृहमंत्री ने जो कॉमन सिविल कोड को लेकर कहा है, एक देश में एक कानून सबके लिए हो, वाकई अब इसकी आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश सरकार कॉमन सिविल कोड (Common Civil Code) को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है. जिस प्रकार उत्तराखंड सरकार ने कॉमन सिविल कोड लागू किया है, उसी तरह यूपी सरकार भी इस बारे में सोच रही है. देश के दूसरे राज्यों में जहां भाजपा की सरकार है. वहां कॉमन सिविल कोड पर गंभीरता से विचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे पर विपक्ष हमारा साथ नहीं देगा तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस पर विचार नहीं करेंगे.
बिल लेकर आए सरकार, चुनावी फायदा ना लें: कांग्रेस
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा पर समान नागरिक संहिता के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या कानून हो या फिर समान नागरिक संहिता कानून हो यह केंद्र सरकार के विषय हैं, लेकिन राज्यवार की बात करके जनता को मुख्य मुद्दों से भटकाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को केंद्र में बिल लेकर आना चाहिए और इस पर चर्चा करानी चाहिए. सभी पार्टियों से चर्चा के बाद केंद्रीय कानून बनना चाहिए. यह राज्यवार कानून की बात नहीं है, लेकिन भाजपा इसका चुनावी लाभ लेना चाहती है.
महंगाई और बेरोजगारी दूर करने की भी हो बात: सपा
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने भी इस मसले को राजनैतिक बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा केंद्र से कहा कि सरकार, आप तो सरकार में हैं,और सरकार जो चाहे वो कानून बना सकती है, आपको किसने रोका है. लेकिन प्रभु एक ऐसा भी कानून बना दीजिए, जिससे देश में महंगाई और बेरोजगारी दूर हो जाए. पूरे हिंदुस्तान में जाति और धर्म के झगड़े खत्म हो जाएं, पूरे हिंदुस्तान में सिर्फ विकास की राजनीति हो, ऐसा भी तो कोई कानून लाइए प्रभु.
राष्ट्रहित में फैसले लेते हैं गृहमंत्री शाह: निषाद
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद कॉमन सिविल कोड की वकालत की है. भाजपा के सहयोगी निषाद ने कहा कि समाज में एकरूपता लाने के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को बधाई. वे राष्ट्रहित में फैसले लेते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में सभी एक साथ रहते हैं, लेकिन राष्ट्रवाद सबसे पहले है. देश के सभी नागरिक एक हैं, एक ही झंडा है तो कानून भी एक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज योगी और मोदी मुसलमानों को भी दवाई खाना और सभी सुविधाएं दे रहे हैं. इस कानून पर शासन निर्णय लें और मुख्यमंत्री लागू कराएं, निषाद पार्टी का पूरा समर्थन
दारुल उलूम के प्रवक्ता का भी आया बयान
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर दारुल उलूम के प्रवक्ता फरंगी महल मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि इसके जरिए सरकारें अपनी राजनीति करना चाहती है. सरकार को इस बात का इल्म नहीं किससे लोगों को क्या आम सहूलियत मिलेगी, जो लोग झुंड बनाकर मस्जिदों के सामने नारेबाजी कर रहे हैं और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बना रहे हैं, उस पर सरकार ध्यान दें. उन्होंने आगे कहा कि यह कानून अनेकता में एकता को खत्म करने वाला कानून है, गरीब मुसलमान, बेरोजगार, जैसे मुद्दों पर बात करना ज्यादा जरूरी है. जो जिस लायक है उसके मजहब के हिसाब से पहले से ही कानून मौजूद हैं, सिविल मामले में सभी के लिए जनरल कानून है तो यह नए पॉलीटिकल स्टैंड की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक तौर पर इस मामले का विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो कानूनी तौर पर इसका हल निकालेंगे.