राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बुधवार को एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान बनाने की कोशिश के लिए 1930 से ही मुस्लिम आबादी (Muslim Population) को बढ़ाने की कोशिश हो रही है. इस पर गुरुवार को हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है.
भागवत (Bhagwat) के बयान को लेकर ओवैसी (Owaisi) ने गुरुवार को ट्विटर (Twitter) पर दो ट्वीट किए. ओवैसी ने पहले ट्वीट में लिखा, "आरएसएस के भागवत का कहना है कि 1930 से ही मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की संगठित तरीके से कोशिश की गई." उन्होंने आगे लिखा, "अगर सबका DNA एक ही है तो फिर गिनती क्यों हो रही है? दूसरी बात, 1950 से लेकर 2011 के बीच भारत में मुस्लिम आबादी की ग्रोथ रेट में कमी आई है." उन्होंने लिखा कि संघ के पास दिमाग जीरो है और मुस्लिमों को लेकर नफरत 100% है.
RSS’s Bhagwat says there’s “organised attempt to increase Muslim population since 1930”
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 22, 2021
1. If all our DNA is same, why keep count?
2. Indian Muslim population growth rate has seen sharpest decline between 1950-2011
Sangh has Zero brains, 100% hate towards Muslims. 1/2
अपने दूसरे ट्वीट में ओवैसी ने लिखा, "मुस्लिमों से नफरत करने की संघ की आदत रही है और वो धीरे-धीरे समाज में यही जगह घोल रहा है. इस महीने की शुरुआत में भागवत ने कहा था हम सब एक हैं, जिसके बाद उनके समर्थकों ने उन्हें बहुत परेशान किया होगा. इसलिए उन्हें फिर से मुस्लिमों को नीचा दिखाने और झूठ बोलने की ओर लौटना पड़ा." ओवैसी ने कहा कि आधुनिक भारत में हिंदुत्व की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
क्या कहा था भागवत ने?
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ‘1930 से ही संगठित तरीके से मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की कोशिशें हुई हैं, ताकि उनकी ताकत को बढ़ाया जा सके. इसकी वजह उन्होंने गिनाई कि ऐसी कोशिश इसलिए हो रही ताकि इस देश को पाकिस्तान बनाया जा सके. ये सब पंजाब, सिंध, असम, बंगाल और आसपास के क्षेत्रों के लिए प्लान किया गया था, जिसमें कुछ हद तक सफलता भी मिली. मोहन भागवत ने कहा कि पंजाब, बंगाल आधा ही मिल सका, असम इन्हें नहीं मिल पाया. लेकिन अब भी कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं.