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''ये नफरत हिंदुत्व की देन है..'', मोहन भागवत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार

AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार सुबह मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी की. ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.

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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • असदुद्दीन ओवैसी का मोहन भागवत पर निशाना
  • लिंचिंग को लेकर दिए बयान पर साधा निशाना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान पर एक नई बहस शुरू हो गई है. AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार सुबह मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी की. ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.

असदुद्दीन ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा कि RSS के भागवत ने कहा लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं. इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे.

ओवैसी ने लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व (Hindutva) की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है. केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है. 

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आगे लिखा कि आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि "क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?" कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है, मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है.

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RSS पर भड़के ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी कहा कि अगर मोहन भागवत लिंचिंग को गलत मानते हैं और कहते हैं कि लिंचिंग करने वाले हिंदू और हिंदुत्व विरोधी हैं, इसका मतलब साफ है कि वह इस बात को स्वीकार करते हैं कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. 

उन्होंने कहा, 'हम मोहन भागवत जी से पूछना चाहते हैं कि मेजोरिटी कम्युनिटी में आरएसएस की वजह से ध्रुवीकरण हो चुका है. क्या जिन लोगों की लिंचिंग की गई, उननको जिन्होंने मारा, उनका आरएसएस विरोध करेगा? अगर आरएसएस मानता है कि लिंचिंग हो रही है तो यह करवा कौन रहा है. अगर वह वाकई लिंचिंग को बीमारी समझते हैं तो उनको खारिज करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, 'एकता की बात भारत का संविधान करता है, हिंदुत्व एकता की बात नहीं करता. यह लोग मुसलामनों को गली देते हैं. लेकिन पुलिस कोई एक्शन नहीं लेती. यह सिर्फ बोलने की बात करते हैं. जनता की आंख में धूल झोंकी जा रही है. जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है. दोहरी बातें क्यों कही जा रही हैं.'

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी की टिप्पणी

मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी टिप्पणी की. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा कि मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे? यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें. 

दिग्विजय सिंह ने लिखा कि शुरुआत नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से करें. मुझे मालूम है आप नहीं करेंगे क्योंकि आपके कथनी और करनी में अंतर है. आपने सही कहा है कि #हम_पहले_भारतीय_हैं, #WeAreIndiansFirst लेकिन हुज़ूर अपने शिष्यों को तो पहले समझाएं. वे मुझे कई बार पाकिस्तान जाने की सलाह दे चुके हैं!! 

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एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अगर भागवत जी का हृदय बदल रहा है तो हम उसका स्वागत करते हैं. वर्ण व्यवस्था में विश्वास करने वाला संगठन अगर धर्म की हदों को तोड़ना चाहता है तो ये अच्छी बात है.

क्या कहा था मोहन भागवत ने?

रविवार को एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया कि यदि कोई हिन्दू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वो हिन्दू नहीं है. गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिन्दुत्व के खिलाफ हैं. ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए. इसके अलावा मोहन भागवत ने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो. 

 

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