पुतिन के भारत आगमने से ठीक पहले विपक्ष के नेता राहुल गांधी का बड़ा बयान सामने आया है. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार नहीं चाहती की विपक्ष के लोग फॉरेन डेलिगेशन से मिले. ये महत्वपूर्ण नियम है लेकिन सरकार इसको मान नहीं रही है. राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने पलटवार करते हुए कहा है कि वो सीरियस नहीं हैं और विदेशी धरती पर हमेशा भारत को कोसते रहते हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि फॉरेन डिग्निटरीज कोई आता है तो हमें मिलने नहीं दिया जाता है. अटल विहारी बाजपेई वाजपेई के समय होता था मनमोहन सिंह के समय होता था लेकिन आज कल नहीं होता है जब फॉरेन डिग्निटरीज आती है तो विदेश मंत्रालय उनको सजेस्ट करता है कि किससे मिलना है किससे नहीं.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि रिलेशन तो हमारे सबके साथ में है. लीडर ऑफ अपोजिशन हिंदुस्तान को लेकर दूसरा पर्सपेक्टिव देता है. देश को हम भी रिप्रेजेंट करते हैं सिर्फ सरकार ही रिप्रेजेंट नहीं करती है लेकिन सरकार नहीं चाहती है कि लीडर ऑफ अपोजिशन बाहर के लोगों से मिले. ये ट्रेडीशन है, नॉर्म भी है कि बाहर के लोगों से लीडर ऑफ अपोजिशन मिले लेकिन इसको फॉलो नहीं किया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री बोले- राहुल गांधी सीरियस हैं ही नहीं
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सीरियस है ही नहीं, विदेश में जाकर भारत के लोकतंत्र को राहुल गांधी कोसते हैं. राहुल गांधी पॉलिटिक्स को लेकर भी सीरियस नहीं हैं. आज तक बता दीजिए कि कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति विदेश जाकर भारत को कोसता हो पर राहुल गांधी विदेशी धरती पर हमेशा भारत को कोसते रहते हैं.
सरकार की तरफ से आया बयान, इसमें हमारा रोल नहीं
वहीं, सरकारी सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के नेताओं की विदेशी हस्तियों से मुलाकात नई बात नहीं है. सूत्र बताते हैं कि पिछले वर्षों में भी कई बार ऐसी मीटिंग्स हो चुकी हैं. हाल ही में अगस्त 2024 में भारत आने पर मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. सूत्रों के मुताबिक, इन मुलाकातों की पहल आमतौर पर आने वाले विदेशी प्रतिनिधिमंडल की तरफ से होती है, सरकार की तरफ से नहीं. सरकार का कहना है कि ऐसी बैठकों में उसका कोई रोल नहीं होता.
उन्होंने ये भी याद दिलाया कि 11 दिसंबर 2014 को भारत दौरे पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी विपक्षी नेताओं ने मुलाकात की थी जिसमें राहुल गांधी शामिल थे. सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि किसी भी आधिकारिक दौरे में विदेश मंत्रालय (MEA) सिर्फ सरकारी अधिकारियों और संस्थाओं के साथ औपचारिक बैठकें तय करता है. सरकारी प्रोटोकॉल से बाहर की बैठकों का फैसला आने वाले विदेशी दल खुद करता है.
9 जून 2024 से राहुल गांधी की ये मिल चुके हैं ये विदेशी नेता- सोर्स
पूर्व प्रधानमंत्री, बांग्लादेश- शेख हसीना (10 जून 2024)
प्रधानमंत्री, मलेशिया-अनवर इब्राहिम (21 अगस्त 2024)
प्रधानमंत्री, मॉरिशस- नवीनचंद्र रामगुलाम (16 सितंबर 2025)
प्रधानमंत्री, न्यूजीलैंड- क्रिस्टोफर लक्सन (8 मार्च 2025)