सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मंगलवार को अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल केंद्र सरकार पर जमकर बरसीं. उन्होंने लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराने के बारे में कहा कि जहां तक 26 जनवरी की घटना का सवाल है, आपके इंटेलिजेंस का क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि आप 4 घंटे में लॉकडाउन कर सकते हैं. एक दिन में नोटबंदी कर सकते हैं तो आप 26 जनवरी की घटना के बारे में अंदाज क्यों नहीं लगा पाए? उन्होंने आगे कहा कि इस देश को आजाद कराने के लिए 70 फीसदी सिखों ने अपनी शहादत दी थी. आपने निशान साहिब को कठघरे में खड़ा किया. अब आप सबको खालिस्तानी बता रहे हैं. हमारे 9वें गुरु ने आपके लोगों के जनेऊ को बचाने के लिए अपना शीश कटवा दिया.
उन्होंने कहा कि जो 150 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान गंवाई है, वो हमारे अन्नदाता हैं, लेकिन एक संवेदना की लाइन नहीं कही गई. जब सरकार ही ‘इन ह्यूमन’ हो गई तो सरकार में रहकर करना भी क्या था. 26 जनवरी को जो हिंसा हुई वो नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन जो इंटेलिजेंस फेल हुआ, उसका जवाब कौन देगा?
अपनी बात को विस्तार देते हुए हरसिमरत ने आगे कहा कि पिछले छह महीने से जब अध्यादेश लाया गया, तब से किसान अपनी मांग रख रहे हैं, लेकिन इस सरकार के आंख, कान और मुंह बंद हैं. जब किसान कानून नहीं चाहते तब इस ‘काले कानून’ को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कानून में भारतीय खाद्य निगम को खरीद और वितरण से हटाने की बात कही जा रही है, इसलिए किसान डरे हुए हैं.