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BJP बनाएगी अपना उपराष्ट्रपति? रामनाथ ठाकुर समेत बाकी नामों की अटकलों पर लगा विराम

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद बीजेपी नए उपराष्ट्रपति की तलाश में जुट गई है. उपराष्ट्रपति पद की रेस में कई नामों की चर्चा चल रही है, लेकिन बीजेपी अपने किसी मजबूत नेता को प्रत्याशी बनाने की कवायद में है.

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उपराष्ट्रपति के लिए जगदीश धनखड़ के विकल्प की तलाश में जुटी बीजेपी (Photo-BJP)
उपराष्ट्रपति के लिए जगदीश धनखड़ के विकल्प की तलाश में जुटी बीजेपी (Photo-BJP)

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से दिए इस्तीफे को राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है. ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर हो रही है कि धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा. बीजेपी ने धनखड़ के विकल्प तलाश भी शुरू कर दी है. उपराष्ट्रपति पद के लिए कई नामों की चर्चा चल रही है, लेकिन बीजेपी इस बार काफी सोच-विचार करके दांव खेलने की तैयारी में है.

बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का लोकसभा और राज्यसभा में पर्याप्त संख्याबल है, लिहाजा मोदी सरकार के लिए अपना उप राष्ट्रपति चुन कोई दिक्कत नहीं होने वाली है.

सूत्रों की माने तो बीजेपी नए उपराष्ट्रपति की कुर्सी गठबंधन के किसी सहयोगी दल के नेता को सौंपने के बजाय पार्टी की विचारधारा से जुड़े मजबूत व्यक्ति को बैठाना चाहती है. देश का अगला उपराष्ट्रपति बीजेपी का होगा.

रामनाथ ठाकुर के नाम की चर्चा

देश के नए उपराष्ट्रपति के लिए कई बड़े नामों पर चर्चा चल रही है, जिसमें केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर के नाम के भी कयास लगाए जा रहे थे. इसकी वजह यह थी कि बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रामनाथ ठाकुर से मुलाकात की थी.

रामनाठ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं और अतिपिछड़ी जाति से आते हैं. जेपी नड्डा के मुलाकात करने के बाद रामनाथ ठाकुर के नाम की चर्चा तेज हो गई थी, लेकिन यह अटकलें बेबुनियाद हैं. बीजेपी ने इस मुद्दे पर जेडीयू से कोई भी बातचीत नहीं की है. 

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सूत्रों की माने तो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को रामनाथ ठाकुर से मुलाकात सिर्फ औपचारिक थी. यह मुलाकात बिहार एसआईआर के मुद्दे पर हुई है. उपराष्ट्रपति पद को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है. इतना ही नहीं रामनाथ ठाकुर या भावी उपराष्ट्रपति को लेकर जेडीयू नेतृत्व से भी कोई बात नहीं हुई है. बीजेपी अध्यक्ष ने रामनाथ ठाकुर के अलावा अन्य सांसदों से भी मुलाकात की है.

बीजेपी अपना बनाएगी उपराष्ट्रपति

धनखड़ के त्यागपत्र के बाद से बीजेपी उनके उत्तराधिकारी को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि धनखड़ जैसे किसी राज्यपाल या संगठन का कोई मंझा हुआ नेता या किसी केंद्रीय मंत्री को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है. बीजेपी के पास ऐसे नेताओं की पूरी फौज है, जो पार्टी कैडर से निकले हुए नेता हैं.

जगदीप धनखड़ के पहले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू थे, जो बीजेपी के अध्यक्ष और पीएम मोदी की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. नायडू 2017 में उप राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया था.

बीजेपी के एक नेता ने कहा कि हम अभी इस कवायद में जुटे हैं. मेरा मानना है कि पार्टी किसी एक व्यक्ति को चुनेगी, जो एक दमदार व्यक्तित्व और निर्विवादित छवि वाला हो. उन्होंने संकेत दिया कि किसी वरिष्ठ नेता को पार्टी इसके लिए प्राथमिकता दे सकती है. बीजेपी पूरी तरह से मन बना चुकी है कि इस बार उपराष्ट्रपति की कुर्सी पार्टी बैकग्राउंड वाले नेता को सौंपनी है.

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वेंकैया नायडू जैसे चेहरे की तलाश

धनखड़ के पहले एम वेंकैया नायडू बीजेपी के अध्यक्ष और पीएम मोदी की कैबिनेट में मंत्री भी रहे थे. उन्हें 2017 में उप राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया था. बीजेपी के एक नेता ने कहा, हम अभी इस कवायद में जुटे हैं. मेरा मानना है कि पार्टी किसी एक व्यक्ति को चुनेगी, जो एक दमदार व्यक्तित्व और निर्विवादित छवि वाला हो. उन्होंने संकेत दिया कि किसी वरिष्ठ नेता को पार्टी इसके लिए प्राथमिकता दे सकती है. 

हरिवंश उच्च सदन के उपसभापति

बता दें कि जगदीश धनखड़ 2022 में देश के 14वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था. धनखड़ ने अपने तीन साल के कार्यकाल में राज्यसभा में विपक्षी दलों के साथ उनकी लगातार तीखी बहस हुईं, लेकिन कई बार विवादास्पद मुद्दों पर उनकी तीखी टिप्पणियों ने सरकार को भी कई बार असहज किया. उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के तौर पर भी जिम्मेदारी संभालते हैं.

संविधान में उपराष्ट्रपति की जगह पर किसी को कार्यभार सौंपे जाने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए इस तरह की औपचारिकता की इस मामले में कोई जरूरत नहीं है. वहीं, राज्यसभा के सभापति के पद की जहां तक जिम्मेदारी है तो उसके लिए उच्चसदन में उपसभापति पहले से ही मौजूद हैं, जो जिम्मेदारी मौजूदा समय में हरिवंश नारायण सिहं के पास है. ऐसे में बीजेपी विचार-विमर्श के बाद नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कर सकता है.

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