कांग्रेस अध्यक्ष पद और पार्टी के अन्य आंतरिक चुनाव एक बार फिर टाल दिए गए हैं. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 23 जून को चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था जिसका बाकी सदस्यों ने विरोध किया था. कांग्रेस के सदस्यों का कहना था कि कोरोना से उबरने के बाद चुनाव पर फैसला लिया जाए.
चुनाव को लेकर सबसे पहले राजस्थान के सीएम और कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत ने यह जिक्र किया था कि इस समय आंतरिक चुनाव ना हों. वहीं, जब आंतरिक चुनाव को लेकर मंजूरी देने का समय आया तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिर्फ अध्यक्ष पद का चुनाव हो और बाकी समितियों के चुनाव टाले दिए जाएं.
इस पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी लगातार रैलियों का और बड़ी जमघट का विरोध कर रही है तो करोना काल में पार्टी को भी एहतियात बरतना चाहिए. कांग्रेस पार्टी का आंतरिक चुनाव ब्लॉक लेवल तक जाता है और पीसीसी मेंबर अध्यक्ष को नियुक्त करता है. इसलिए कोरोना काल में चुनाव कराना ठीक नहीं है.
चुनाव कराने के फैसले पर सोनिया गांधी ने कहा यह फैसला मैं नहीं लूंगी. कांग्रेस कार्यसमिति को इस पर फैसला लेना चाहिए. जिसके बाद सर्वसम्मति से आंतरिक चुनाव टाले दिए गए. आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद ने भी चुनाव टालने के लिए हामी भरी थी.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी मौजूद नहीं थे. प्रियंका गांधी ने बताया कि राहुल गांधी अभी रिकवर कर रहे हैं. उनकी तबीयत पूरी तरह से ठीक नहीं है. इसलिए वह बैठक में मौजूद नहीं रह पाएंगे.