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सिब्बल के बयान पर CM भूपेश बघेल का पलटवार, बोले- कुछ लोग पार्टी को 'डिनर' और 'बंगलों' की कांग्रेस बना देना चाहते हैं

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के बयान को लेकर कहा, एक बार उत्तर प्रदेश आकर देख लेते कि अगुवाई और लड़ाई कैसी होती है. मिट गए वो सब जो कांग्रेस के मिटने की बात करते रहे.

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बघेल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांधी परिवार में विश्वास जताया है.
बघेल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांधी परिवार में विश्वास जताया है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिब्बल के 'घर की कांग्रेस' बयान पर भड़के बघेल
  • हार के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल शुरू

कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठाने वाले नेता कपिल सिब्बल पर अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है. उन्होंने कपिल सिब्बल के 'घर की कांग्रेस-सब की कांग्रेस' बयान पर कहा कि जो चुनाव नहीं लड़े, वे सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांधी परिवार में विश्वास जताया है. 

CM बघेल ने कहा, 'कांग्रेस तो घर-घर की ही कांग्रेस है, हर घर की कांग्रेस है. लेकिन कुछ लोग उसे 'डिनर' और 'बंगलों' की कांग्रेस बना देना चाहते हैं. एक बार उत्तर प्रदेश आकर देख लेते कि अगुवाई और लड़ाई कैसी होती है. मिट गए वो सब जो कांग्रेस के मिटने की बात करते रहे.'

उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की आलोचना को लेकर कपिल सिब्बल पर निशाना साधा. उन्होंने बीते दिन अपने बयान में कहा कि हर जाति, हर वर्ग, हर धर्म, हर भाषा बोलने वाले, हर क्षेत्र के लोग दक्षिण के हों, पूर्व के, पश्चिम के या उत्तर के हों, सब चाहते हैं कि अगर कांग्रेस को एकजुट रखना है तो गांधी परिवार के नेतृत्व में ही एकजुट रह सकती है. ये अगर विश्वसनीयता  उनकी बनी हुई है तो आज हर कांग्रेसजन उनके साथ में है.    

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दरअसल, देश के पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार पर पार्टी नेताओं के G23 गुट की गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठ हुई थी. इसमें शामिल कपिल सिब्बल ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में बदलाव की मांग उठाई. वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा था कि  गांधी परिवार के लोगों को अब साइड होकर दूसरे नेताओं को नेतृत्व का मौका देना चाहिए. उन्होंने यहां तक कह डाला था कि 'घर की कांग्रेस' की जगह 'सब की कांग्रेस' होनी चाहिए.

हालांकि, रविवार को हुई कांग्रेस की वर्किंग कमेटी (CWC) बैठक में तय हुआ कि फिलहाल सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अध्यक्ष बनी रहेंगी. वहीं, सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने पांच राज्यों में हार की जिम्मेदारी का ठीकरा पीसीसी अध्यक्षों पर फोड़ा. इसके बाद मंगलवार शाम एक आदेश जारी कर हार वाले राज्यों के पीसीसी अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया गया.  

 

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