केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान द्वारा आरक्षण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने पर जीतन राम मांझी भड़क गए. उन्होंने कहा, क्या उन्हें हमेशा आरक्षण मिलता रहेगा? वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आज पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुए. पटना एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों द्वारा डीएमके सांसद द्वारा भगवान राम पर की गई टिप्पणी पर पूछा.
डीएमके सांसद के टिप्पणी पर उन्होंने कहा, यह देश आस्था का देश है. यहां लोग मिट्टी को देवता मानते हैं. अगर कोई किसी के बारे में कुछ कहता है तो कहना गलत है. रांची में कार्यकारिणी की बैठक हुई थी? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब कोई पहलवान अखाड़े में उतरता है, तो सबसे पहले उसके शरीर पर धूल और गंदगी लगती है.
अगर उसे नहीं लगेगी, तो वह लड़ेगा कैसे. फिर वह कैसा पहलवान. इस तरह से हर राजनीतिक दल अपना-अपना अभ्यास करता है. कल झारखंड में भी हमने बैठक की. बैठक सफल रही और झारखंड में भी चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार की गई. पहली बार 15 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और हिंदुस्तानी और मोर्चा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.
हम झारखंड में चुनाव लड़ेंगे और उपचुनाव भी लड़ेंगे. कोटा के अंदर कोटा को लेकर चिराग पासवान द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर उन्होंने कहा कि यह कोई बात नहीं है कि जो बढ़ा है वह बढ़ता रहे. इसलिए किसी भी मामले में हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं. जो फैसला अभी आया है वह 10 एक साल पहले आ जाना चाहिए था.
अंबेडकर के अनुसार साक्षरता एक मापदंड है. सबसे निचले स्तर पर जो लोग हैं, जिनकी साक्षरता दर 15% से कम है उन्हें सुविधाएं मिलनी चाहिए. जिनकी साक्षरता दर 7%, 8% है, उन्हें खुशहाल बनाया जाना चाहिए. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि समाज में गिरे हुए लोगों को ऊपर उठाने का प्रयास किया जाना चाहिए. चिराग पासवान ने कहा है कि यह सब ठीक नहीं है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी हो रहा है, वह चारों जातियों के सभी लोग अपने हैं.