विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना को कांग्रेस एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाएगी. कांग्रेस की कैम्पेनिंग में जातिगत जनगणना एक प्रमुख मुद्दा होगा. आज कांग्रेस के सीडब्ल्यूसी बैठक में कास्ट सेंसस पर विस्तार से चर्चा हुई.
कांग्रेस के नेता मानते हैं कि अगड़ी जातियां बीजेपी को हो पिछले कुछ चुनावों में वोट कर रही हैं, इसलिए उनके वापस कांग्रेस पार्टी के तरफ आने की संभावना कम है.
कुछ नेताओं ने आज की बैठक में यह मुद्दा भी उठाया की पार्टी कि रणनीति इस बात पर साफ होनी चाहिए की कास्ट सेंसस के नतीजों के आधार पर पिछड़ी जातियों के लिया पार्टी क्या करेगी और पिछड़ी जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्तिथि को सुधारने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाये?
कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी मीटिंग में इजरायल और फिलिस्तीन के मसले पर चर्चा भी हुई. कुछ नेता कांग्रेस के मीडिया महासचिव जयराम रमेश द्वारा किए गए ट्वीट से असहमत दिखे. इन नेताओं का मानना है कि स्टेटमेंट को और बैलेंस करके देना चाहिए था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की चार घंटे हुए बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है कि पार्टी कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना कराई जाएगी. राहुल गांधी ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है.
कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों ने फैसला लिया गया है कि वे हिमचाल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना कराएंगे. इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसकी कॉपी आपको जल्दी मिलेगी.
बिहार सरकार ने जारी किए थे जातिगत जनगणना के आंकडे़ं
बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें जारी किए थे. इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जारी की थी. बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.