
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है. सत्र के दूसरे चरण में राज्यसभा को पहले से निर्धारित समय की तुलना में 19 घंटे ज्यादा मिलेंगे. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू हुई.लेकिन लोकसभा की कार्रवाई 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश किया. वहीं पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमारे पास यूएसए, कनाडा, जर्मनी, यूके, फ्रांस, स्पेन, श्रीलंका और भारत का डाटा हैं. इन सभी देशों में पेट्रोल की कीमतों में 50 से लेकर 58 फीसदी तक की बढ़ोतरी है. जबिक भारत में तेल के दाम सिर्फ 5 फीसदी ही बढ़े हैं.
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने ट्वीट किया था. ओम बिरला ने ट्वीट कर कहा था कि आशा है कि माननीय सदस्यों की सक्रिय सहभागिता और सकारात्मक सहयोग से सदन में जनता से जुड़े विषयों पर स्वस्थ और परिणाममूलक संवाद होगा. बता दें कि आज लोकसभा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के आम बजट पर चर्चा और मतदान भी किया जाएगा. साथ ही लंबित बिलों पर भी बहस होगी. बता दें कि दोनों सदनों में 16 बिल अटके हुए हैं. जिन पर बातचीत होनी है.

CPI के सांसद ने भी लिखा पत्र
वहीं सत्र शुरू होने से पहले CPI के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने EPFO की ब्याज दर को कम करते हुए 8.10% तक लाने पर चर्चा करने को राज्यसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा. बता दें वह इससे पहले फाइनेंस मिनिस्टर को भी इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं. भाकपा (CPI) के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर EPFO बोर्ड के ब्याज दर को 8.50% से घटाकर 8.10% करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था.
सांसद ने निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में उन्होंने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का ब्याज दर घटाने का फैसला न केवल गैर-जिम्मेदार है, बल्कि सरका का ये कदम हमारे देश के मेहनतकश लोगों के प्रति चिंता की कमी को भी दर्शाता है.
मनीष तिवारी उठाएंगे ये मुद्दा
कांग्रेस आज लोकसभा में यूक्रेन-रूस युद्ध का मुद्दा उठाएगी. संसद का बजट सत्र फिर से शुरू होने पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी आज इस मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव रखेंगे.
प्रियंका चतुर्वेदी उठाएंगी रुपये में गिरावट का मुद्दा
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पिछले 5 सालों में रुपये में 17.5 फीसदी की गिरावट देखी गई है. एशिया के अन्य विकासशील देशों की तुलना में यह आंकड़ा और भी अधिक चिंताजनक है. उम्मीद है कि आज शून्यकाल (Zero Hour) में ये मुद्दा उठाने की अनुमति मिलेगी.