रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी सोमवार को सबसे बड़े 70 टन के सी-17 परिवहन विमान ‘ग्लोबमास्टर’ को हिंडन ऐयर बेस पर वायुसेना के बेड़े में शामिल किया.
‘ग्लोबमास्टर’ सीमा पर सैनिकों और टैंकों व उपकरणों को जल्द से जल्द पहुंचाने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को मजबूती देगा.
अमेरिका से खरीदे गए इस विमान को रक्षा मंत्री ने सोमवार को औपचारिक रूप से सेना में शामिल किया.
सी-17 में करीब 80 टन की क्षमता और 150 सुसज्जित सैनिकों को ढोने की क्षमता है.
‘ग्लोबमास्टर’ ने रूस के आईएल-76 की जगह ली है.
आईएल-76 अब तक वायुसेना के बेड़े में शामिल रहा था, आईएल-76 की क्षमता करीब 40 टन वजन ढोने की थी.
वायुसेना ने अमेरिका के साथ 2011 मे हुए समझौते के तहत दस सी-17 विमानों का ऑर्डर दिया है और इनमें से तीन भारत को मिल चुके हैं.
अमेरिकी वायुसेना अगले साल के अंत तक सभी दस विमान भारत को सौंप देंगी.
‘ग्लोबमास्टर’ से भारतीय वायुसेना की संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है और आपदा राहत या इस तरह के अभियान के दौरान इसकी पहुंच की क्षमता बढ़ेगी.
दस ‘ग्लोबमास्टर’ मिलने के बाद भारतीय वायुसेना अपने बेड़े के लिए छह और विमान खरीदने के विकल्प पर भी विचार कर सकती है.
हाल के समय वायुसेना ने रूस के विमानों से निर्भरता छोड़कर अमेरिकी विमानों पर विश्वास करना शुरू कर दिया है.
सी-17 ‘ग्लोबमास्टर’ चीन और पाकिस्तान बॉर्डर तक टैंक ले जाने की क्षमता रखता है.