राज्यसभा में अमित शाह ने वंदे मातरम को आजादी का उद्घोष बताया और इसके महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम की रचना में राष्ट्रभक्ति और संस्कृति की भावना है जो आने वाली पीढ़ियों को जोड़ेगी. अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वंदे मातरम की चर्चा चुनावों से नहीं जोड़नी चाहिए और इसकी महता सदैव बनी रहेगी.