होली का त्योहार अब अपने मूल अर्थ से दूर होता जा रहा है. एक समय जहां यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था, वहीं आज यह शराब, नए कपड़े और नकली मिठाइयों का उत्सव बन गया है. दिल्ली में एक दिन में ₹58 करोड़ की शराब बिकी, जबकि देशभर में नए कपड़ों पर ₹90 करोड़ खर्च किए गए.