महाराष्ट्र में एक बड़े मोर्चे का आयोजन किया गया. इस मोर्चे का उद्देश्य तीसरी भाषा, विशेषकर हिंदी को थोपने का विरोध करना था. राज ठाकरे ने कहा कि छोटे बच्चों पर हिंदी की सख्ती की जा रही है और यह बिना कारण के लाया गया विषय है. उन्होंने सड़क पर अपनी ताकत दिखाने की बात कही.