संसद में हुई बहस का मुख्य विषय विधायी सदन के कामकाज पर केंद्रित था. एक प्रतिभागी ने कहा कि संसद में बिल चार मिनट में पारित हो जाते हैं और उनके संशोधनों पर कोई चर्चा नहीं होती. इस बात पर जोर दिया गया कि पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के किसानों के कल्याण, हिमाचल, उत्तराखंड और पंजाब के कुछ हिस्सों में हुई बरसात के प्रभाव और मणिपुर की स्थिति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.