चर्चा भारत की विदेश नीति और वैश्विक शक्तियों के साथ उसके बदलते रिश्तों पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री की पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मुलाकात पर विस्तार से बात हुई, जिसमें भारत की स्वतंत्र कूटनीति पर जोर दिया गया. अमेरिका की टैरिफ नीतियों और व्यापार समझौतों के दबाव के बावजूद भारत अपने पारंपरिक रिश्तों को मजबूत कर रहा है.