राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे होने के अवसर पर शिक्षा के महत्व पर बात की गई. मोहन भागवत ने कहा कि पहले मोबाइल हम सुनते थे, आजकल मोबाइल हमको सुनाता है, यह स्थिति न हो इसलिए शिक्षा आवश्यक है. उन्होंने सुशिक्षा पर जोर दिया, जिसका अर्थ केवल डिग्री या स्कूलिंग नहीं, बल्कि मनुष्य को सुसंस्कृत और वास्तविक मनुष्य बनाना है.