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अतीक और असद ने मुझसे भी की थी बात... दोनों के खात्मे पर पूर्व वीसी जफर सरेशवाला ने किया फोन कॉल का जिक्र

अतीक अहमद और उसके बेटे असद का अंत हो चुका है. अतीक की 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्तपाल में तीन शूटरों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. वहीं 13 अप्रैल को असद झांसी में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था. दोनों की मौत के बाद उनके नए-नए किस्से सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक किस्सा पीएम मोदी के खास माने जाने वाले जफर सरेशवाला ने बताया.

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असद पुलिस एनकाउंटर और अतीक शूटरों के हमले में मारा गया था (फाइल फोटो)
असद पुलिस एनकाउंटर और अतीक शूटरों के हमले में मारा गया था (फाइल फोटो)

पीएम नरेंद्र मोदी के खास माने जाने वाले और मौलाना आजाद उर्दू नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने अतीक अहमद और बेटे असद को लेकर एक खुलासा किया है. उन्होंने अतीक अहमद के साथ अपनी टेलीफोन पर बातचीत और असद से मुलाकात के बारे में बताया है. उन्होंने कहा- मैं 2019 में असद से मिला था. वह उस समय लॉ फर्स्ट ईयर में पढ़ रहा था. तब उसने मुझे बताया था कि वह अतीक अहमद का बेटा है और उसने मुझे अतीक से फोन पर बात कराई थी. तब अतीक जेल में था. वह साबरमती जेल अधिकारियों से मदद चाहता था क्योंकि उसे शायद कोर्ट के आदेश पर नैनी जेल से साबरमती शिफ्ट किया जा रहा था. 

उसने मुझसे कहा था- आप अहमदाबाद के हैं, आपका बड़ा नाम है तो आप मेरे लिए इतना करवा दें कि जेल में मेरे साथ कोई ज्यादती न हो, जबरदस्ती न हो. मैं डायबीटी का मरीज हूं तो मेरी इन बातों का ध्यान रखा जाए. तो इस मैंने कहा कि साबरमती जेल में अच्छे लोग है. इन सब के लिए मेरे कहने की कोई जरूरत नहीं है.

जफर सरेशवाला ने आगे बताया- मैंने उस समय अतीक को नसीहत देते हुए कहा था कि उसने जो रास्ता चुना है, उसका अंजाम बहुत खराब है. मैंने उससे यह भी कहा था कि वह कोशिश करे कि उसका बेटा उसकी आपराधिक गतिविधियों में शामिल न हो. यह एक होनहार बच्चा है. ये एक बेहतरीन यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहा है तो यह बहुत आगे जाएगा. इसके बाद मैंने असद से बात की. मैंने उससे भी  कहा था कि आप मेरे बेटे की तरह हैं. मैं आपसे हाथ जोड़कर कहता हूं कि आप अपने पिता से दूर रहें क्योंकि आपके पिता के रास्ते का बहुत बुरा अंत होता है. फिर हमने उसे गुजरात के डॉन लतीफ का उदाहरण दिया था.

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उन्होंने बताया- असद ने उस समय अपनी मां (शाइस्ता) से भी बात कराई थी. मैंने उनसे भी यही बात कही थी, लेकिन हम सबने देखा कि उसके बेटे का क्या हुआ. इन रास्ते पर चलने वाले का यही अंजाम होता है. उन्होंने कहा कि लोगों को पैगंबर मोहम्मद और भगवान राम को आदर्श बनाना चाहिए. अवैध गतिविधियों का अंत बुरी तरह से होता है, यह हम सभी ने देखा है.

झांसी के पारीछा बांध के पास हुआ था एनकाउंटर

झांसी से 30 किलोमीटर दूर बड़ागांव और चिरगांव के पास अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर हुआ था. ये झांसी और कानपुर हाइवे पर स्थित है. असद और मोहम्मद गुलाम पारीछा बांध के पास छिपे बैठे थे. तभी पुलिस ने उन्हें घेर लिया था, जब पुलिस ने उन्हें सरेंडर करने को कहा तो उन्होंने फायरिंग कर दी थी. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में दोनों ढेर हो गए थे.

उमेशपाल हत्याकांड में आरोपी था असद

प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या की गई थी. इस केस में अतीक, उसका भाई अशरफ, असद और अन्य शूटर आरोपी थे. पुलिस ने असद समेत 5 शूटरों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित किया था. असद तभी से फरार चल रहा था. डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की टीम ने यह ऑपरेशन किया गया था. पुलिस को असद और गुलाम के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार, ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर 455 बोर, वाल्थर पी 88 पिस्टल 7.63 बोर बरामद हुई थी. एक बाइक भी दोनों के पास मिली थी.

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15 अप्रैल को अतीक की कर दी गई थी हत्या

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में गोल मारकर हत्या कर दी गई थी. मीडिया पर्सन बनकर आए तीन हमलावरों ने 18 सेकंड में 18 राउंड फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी. हालांकि हत्या के बाद तीनों ने तुरंत सरेंडर भी कर दिया था. इन हमलावरों में एक लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य कासगंज का निवासी है. वहीं तीसरा आरोपी सनी हमीरपुर का रहने वाला है.

तीनों को 19 अप्रैल को प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया था, जिन्हें चार दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है. वहीं वारदात के चार दिन बाद पुलिस विभाग ने कार्रवाई करते हुए शाहगंज थाने के पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है.


 

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