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कांग्रेस को 3500 करोड़ का टैक्स नोटिस किन कारणों से मिला, राजनीतिक पार्टियों को टैक्स छूट का नियम क्या है और कांग्रेस ने क्या सवाल खड़े किए?

आम चुनाव से पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस को एक और नोटिस दिया है और 1745 करोड़ रुपए का जुर्माना भरने के लिए कहा है. कांग्रेस को कुल 3567 करोड़ रुपए के जुर्माने के नोटिस दिए जा चुके हैं. आयकर विभाग का कहना है कि कांग्रेस ने आईटी एक्ट की धारा 13A की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण राजनीतिक दलों को मिलने वाली छूट समाप्त कर दी है.

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आयकर विभाग ने कांग्रेस को जुर्माने का नोटिस दिया है.
आयकर विभाग ने कांग्रेस को जुर्माने का नोटिस दिया है.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयकर विभाग का कांग्रेस पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. इनकम टैक्स ने नए नोटिस के जरिए असेसमेंट ईयर 2014 से 2017 तक के लिए 1745 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. नए नोटिस के बाद कांग्रेस पर अब कुल 3567 करोड़ रुपए जुर्माना राशि हो गई है. सूत्रों का कहना है कि ताजा नोटिस में 2014-15 में 663 करोड़, 2015-16 में 664 करोड़ रुपए, 2016-17 में 417 रुपए के टैक्स की डिमांड की गई है. सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली छूट समाप्त कर दी और पूरे कलेक्शन के लिए कांग्रेस पर टैक्स लगा दिया है.

क्यों टैक्स नोटिस दिया गया?

- सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने सभी सबूत के साथ कांग्रेस को नोटिस दिए. कांग्रेस को जवाब देने के लिए कई मौके दिए गए. कांग्रेस ने जो जवाब दाखिल किए, उन पर विचार करने के बाद आयकर विभाग ने अब मूल्यांकन पूरा कर लिया है. सूत्रों ने कहा कि आकलन वर्ष (AY) 2018-19 में कांग्रेस ने धारा 13A की शर्तों का उल्लंघन किया जिसके कारण राजनीतिक दलों को मिलने वाली छूट वापस ली गई है.
- इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस पर 'थर्ड पार्टी एंट्रीज' के लिए भी टैक्स लगाया है. ये एंट्रीज कथित तौर पर छापे के दौरान कुछ नेताओं से जब्त की गई डायरियों में की गई थीं. नोटिस में जुर्माना और ब्याज भी शामिल है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अन्य डायरियों में बीजेपी नेताओं के नाम वाली इसी तरह की थर्ड पार्टी एंट्रीज पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है.
- सूत्रों का कहना है कि इनटैक्स विभाग के अधिकारियों ने पाया कि कांग्रेस ने 2019 के चुनावों के दौरान अत्यधिक नकदी का इस्तेमाल किया था. विभाग को तलाशी के दौरान इसके पुख्ता सबूत मिले हैं. सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने 2019 में दो कॉरपोरेट्स पर छापे मारे थे, जिसमें कांग्रेस को 520 करोड़ रुपये के नकद भुगतान का खुलासा हुआ था.

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- आयकर विभाग आमतौर पर टैक्स पेयर्स को कुल राशि का 20 प्रतिशत भुगतान करने पर वसूली प्रक्रिया में अस्थायी रूप से राहत देता है. आयकर विभाग का कहना है कि कांग्रेस को भी 20 प्रतिशत भुगतान करने का विकल्प दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. आयकर विभाग का कहना है कि यदि कुल डिमांड का 20 प्रतिशत जमा करने की सुविधा का लाभ नहीं उठाया जाता है तो पूरी राशि वसूली योग्य हो जाती है. 
- आईटी विभाग ने तर्क दिया है कि प्रावधानों के उल्लंघन के कारण कांग्रेस आयकर अधिनियम की धारा 13 (ए) के तहत आयकर भुगतान से छूट का दावा नहीं कर सकती है. उन्होंने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए आईटी रिटर्न में उल्लंघन के लिए कांग्रेस के बैंक खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही वसूल लिए हैं.
 
क्या राजनीतिक दलों पर लगता है इनकम टैक्स?

- आम आदमी से लेकर कॉरपोरेट कंपनी और सरकारी से लेकर प्राइवेट कर्मचारी तक जब इनकम टैक्स जमा करते हैं तो उसे कई अलग-अलग धाराओं के तहत टैक्स से छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है. आईटी एक्ट 1961 कुछ शर्तों के तहत राजनीतिक दलों को इनकम टैक्स चुकाने से छूट देता है.
-  इनकम टैक्स कानून की धारा 13A में राजनीतिक दलों की टैक्स लायबिलिटी का प्रावधान किया गया है. ये धारा जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-29A के तहत रजिस्टर्ड सभी राजनीतिक दलों को आयकर से 100% छूट प्रदान करती है. राजनीतिक दलों को ये छूट सभी तरह की आय पर मिलती है. 

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- हालांकि, राजनीतिक दलों को हर वित्तीय वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है. अपने बैंक खाते की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को जमा करनी होती है. शर्तें पूरी करने पर हर तरह के सोर्स से आय पर 100 प्रतिशत टैक्स छूट दी जाती है.
- दरअसल, पार्टियों को दिए गए चंदे पर टैक्स डिडक्शन की इजाजत होती है. अधिकतम 2 हजार रुपए के कैश डोनेशन पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. शर्त यह है कि चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त दल ही क्लेम कर सकते हैं.

बैंक खातों के फ्रीज होने की पूरी कहानी क्या है?

16 फरवरी को आयकर विभाग ने कांग्रेस से जुड़े चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था. कांग्रेस का दावा है कि इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. कांग्रेस के मुताबिक, 2018-19 में पार्टी को 199 करोड़ रुपये की रिसिप्ट मिली थी. ये पैसा लोकसभा चुनाव में खर्च हुआ था. इसमें से 14 लाख 40 हजार रुपये कैश में आए थे. ये रकम कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपनी तनख्वाह देकर जमा कराई थी. कांग्रेस नेता अजय माकन ने पिछले महीने 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की वजह बताई थी. उन्होंने बताया था कि हम पर चार्ज लगाया गया है कि 2018-19 में 142.83 करोड़ रुपये का चंदा आया था. इसमें से 14.40 लाख रुपये कैश था. 2018-19 का आयकर रिटर्न 31 दिसंबर 2019 तक भरना था. लेकिन 2 फरवरी को ये जमा किया गया. कांग्रेस का दावा है कि 31 दिसंबर 2019 की जगह 2 फरवरी 2020 को अकाउंट दिया गया, इसलिए आयकर विभाग ने सारे पैसे को, उसके इनकम टैक्स से हटाकर 210 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 15 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि पार्टी का करीब 300 करोड़ रुपये आयकर विभाग ने फ्रीज कर दिया है.

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हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत तो सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस

इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस ने बताया था कि उसे आयकर विभाग से फिर नोटिस मिला है, जिसमें 1823 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया था. इससे पहले आयकर विभाग ने पिछले वर्षों से संबंधित टैक्स डिमांड के लिए कांग्रेस के बैंक खाते से 135 करोड़ रुपए निकाल लिए थे. कांग्रेस ने इस एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सोमवार को सुनवाई में आयकर विभाग ने साफ किया है कि लोकसभा चुनाव तक 3,500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कांग्रेस के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 24 जुलाई को सुनवाई करेगा.

इस मामले में इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट ने पहले ही कांग्रेस को राहत देने से इनकार कर दिया था. कांग्रेस पर 2017 से 2018 में 181.99 करोड़, 2018-19 में 178.73 करोड़, 2019-20 में 918.45 करोड़, 2021-22 में 490.01 करोड़, 1994-95 में 53.90 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था.

सॉलिसिटर जनरल का कहना था कि कांग्रेस ने बकाया टैक्स में इस साल 134 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. अब हमने 1700 करोड़ रुपये और मांगे गए हैं. चूंकि चुनाव चल रहे हैं. हम इस समय (3,500 करोड़ रुपये) की वसूली के लिए दबाव नहीं डालने जा रहे हैं. 

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'14 लाख के टैक्स उल्लंघन पर कार्रवाई हुई'

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन कहते हैं कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 29सी के तहत बताया गया है कि आखिरी चुनावी चंदा किस तरह से राजनीतिक दलों को दिया जाना चाहिए. हमने बीते सात साल, विशेष रूप से 2017-2018 का विश्लेषण किया है, जिससे पता चला है कि बीजेपी को 42 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, लेकिन इसे देने वाले के एड्रेस का कोई अता-पता नहीं है. इसी साल हम पर 14 लाख पर 135 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत जिन लोगों ने बीस हजार रुपये से ज्यादा का जुर्माना दिया है, उनकी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए. 14 लाख के टैक्स उल्लंघन पर हम पर 135 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. बीजेपी को 42 करोड़ रुपये दिए गए लेकिन इसका कोई ब्योरा नहीं है.

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बीजेपी पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना लगना चाहिए

माकन ने कहा कि आयकर विभाग ने जिस पैरामीटर्स पर कांग्रेस पार्टी पर जुर्माना लगाया है. अगर उन्हीं पैरामीटर्स पर बीजेपी पर लगाया जाए तो बीते सात सालों के आधार पर उन पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना लगना चाहिए. लेकिन इसे नजरअंदाज किया जा रहा है. माकन ने कहा कि हम तीन बार सुप्रीम कोर्ट गए हैं. हम अदालत में जनहित याचिका दाखिल करेंगे ताकि बीजेपी से 4600 करोड़ रुपये की वसूली की जा सके, जिसे आयकर विभाग द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है.

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'राहुल बोले- सरकार बदलेगी तो कार्रवाई जरूर होगी'

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधा और कहा, बीजेपी को याद रखना चाहिए कि जब सरकार बदलेगी तो लोकतंत्र का हनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. टैक्स नोटिस के बाद उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, जब सरकार बदलेगी तो ‘लोकतंत्र का चीरहरण’ करने वालों पर कार्रवाई जरूर होगी और ऐसी कार्रवाई होगी कि दोबारा फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी, ये सब करने की. ये मेरी गारंटी है. कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रमुख विपक्षी दल को आर्थिक रूप से पंगु बनाने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ऐसा करके वे चुनाव के दौरान लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ रहे हैं. कांग्रेस ने इस संबंध में चुनाव आयोग से भी शिकायत की है.

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