आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के पिता ने कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि 9 अगस्त को कोलकाता में प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनकी पत्नी पर हमला किया. पीड़िता के पिता ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को चिट्ठी भेजकर शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. कोलकाता पुलिस ने ईमेल पर शिकायत मिलने की पुष्टि की है और मामले में जांच शुरू कर दी है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर यह हमला "जानबूझकर" किया गया. अधिकारी के मुताबिक, पीड़िता अभया के माता-पिता इस मामले के अहम गवाह हैं और उन्हें खत्म करने की कोशिश की गई.
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सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी एसटीएफ वीनीत गोयल और कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने ममता बनर्जी के इशारे पर की. उनका आरोप है कि यह घटना सबूत मिटाने की कोशिश का हिस्सा थी. उन्होंने मांग की कि पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो, और अगर यह पर्याप्त न हो तो सीधे कार्रवाई की जाए.
पीड़िता की मां ने पुलिस पर हमले का आरोप लगाया
कोलकाता में शनिवार को प्रदर्शन के दौरान पीड़िता की मां ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी की पुलिस ने बिना किसी उकसावे के उन पर हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया, सिर और हाथों पर चोट पहुंचाई गई और कंगन तोड़ दिए गए. पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि उन्हें किसने मारा, तो उन्होंने स्पष्ट कहा, "पुलिस… यह कोलकाता पुलिस है जिसने मुझ पर हमला किया."
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पीड़िता की मां ने कहा कि नबन्ना मार्च जारी रहेगा!
जब पीड़िता की मां से सवाल किया गया कि क्या अब भी वे नबन्ना मार्च जारी रखेंगी, तो उन्होंने कहा, "बिल्कुल, हमें कोई नहीं रोक सकता, हम अपना मार्च जारी रखेंगे." फिलहाल, इस मामले में कोलकाता पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू कर दी है, जबकि राजनीतिक बयानबाजी जारी है.