केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण में कानूनी रुकावटें सामने आ रही हैं, जबतक इन रुकावटों को दूर नहीं कर लिया जाता है तबतक उसका प्रत्यर्पण नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा विदेश मंत्रालय से यूके सरकार ने कहा है कि वे भारत सरकार के मामले के महत्व से अवगत हैं. ब्रिटेन में कुछ कानूनी जटिलताएं हैं जो प्रत्यर्पण में बाधा बन रही हैं.
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि ब्रिटिश सरकार ने भारत से कहा है कि अदालत में होने की वजह से इस मसले पर ज्यादा विस्तृत विवरण नहीं दे सकते हैं, मामला गोपनीय भी है. ब्रिटेन ने भारत को कहा कि वहां की सरकार माल्या को लेकर भारत की भावनाएं और चिंताएं बखूबी समझती है. सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि ब्रिटेन की सरकार ने भरोसा दिलाया है कि मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए कोशिश की जा रही है.
बता दें कि कि सुप्रीम कोर्ट भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा है. पिछली बार अदालत ने सरकार से पूछा था कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया कहां तक पहुंची है. इसी के जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि कानूनी पेचिदिगियों की वजह से माल्या को भारत नहीं लाया जा पा रहा है.
तुषार मेहता ने कहा कि हाल ही में विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के गृह सचिव से मसले को उठाया था. उन्होंने कहा कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है. इस मामले में सरकार राजनीति, कूटनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी कोशिश कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अब 15 मार्च 2021 तक के लिए टाल दी है.