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बेरोजगार को बनाया था पति, प्रोफेसर बना तो पत्नी और 3 बच्चों को छोड़ गया; आरोप- दूसरी संग रहने लगा

पति अपनी प्रोफेसर पत्नी की सैलरी में से ही ऐशो-आराम करता था. पत्नी के ही एटीएम कार्ड और चेकबुक से जब चाहता, तब पैसे निकाल लिया करता था. आरोप है कि पति ने अपनी बहन की पढ़ाई और शादी का खर्च भी प्रोफेसर पत्नी की सैलरी में से ही किया था.  

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Image Source: META AI)
प्रतीकात्मक तस्वीर (Image Source: META AI)

गुजरात के अहमदाबाद से एक प्रोफेसर दंपती के विवाद का मामला सामने आया है. शहर के साइंस कॉलेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर नौकरी करने वाली 50 साल महिला प्रोफेसर की शादी साल 2001 में मसीहुझमा अंसारी के साथ हुई थी. शादी के 13 साल बाद यानी साल 2014 में मसीहुझमा अंसारी को गुजरात यूनिवर्सिटी के उर्दू पर्शियन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के तौर पर नौकरी मिली थी. महिला प्रोफेसर की तरफ से थाने में दर्ज कराई एफआईआर में कहा गया है कि प्रोफेसर पति झगड़ा करता था. इस वजह से वह अपने बच्चों को लेकर अलग रहने लगी थी. लेकिन इस दौरान अक्टूबर महीने में पति ने अन्य एक महिला से शादी कर ली. स्थानीय लोगों की ओर से दी गई जानकारी के बाद जब महिला अपने प्रोफेसर पति से मिलने पहुंची तो उसने तीन बार तलाक बोलकर दरवाजे से ही भगा दिया.

अहमदाबाद के गोमतीपुर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, प्रोफेसर दंपती की शादी साल 2001 में हुई थी. तब उसका पति कोई नौकरी-धंधा नहीं किया करता था. यानी बेराजगार था. आरोप है कि शादी के एक महीने बाद से ही प्रोफेसर पत्नी को उसका पति शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करता रहता था. दोनों दंपती के तीन बच्चे हैं. सबसे बड़ी 21 साल की बेटी, 16 साल की एक और बेटी और एक 12 साल का बेटा है.

साल 2001 में जब दोनों का निकाह हुआ तब मसीहुझमा अंसारी कोई काम धंधा नहीं करता था. मसीहुझमा अपनी प्रोफ़ेसर पत्नी की सैलरी में से ही ऐशो-आराम करता था. प्रोफेसर पत्नी के ही एटीएम कार्ड और चेकबुक से जब भी चाहता तब पैसे निकाल लिया करता था. आरोप है कि मसीहुझमा अंसारी ने अपनी बहन की पढ़ाई और शादी का खर्च भी प्रोफेसर पत्नी की सैलरी में से ही किया.  

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प्रोफेसर पत्नी ने बच्चों को लेकर भी चौंकाने वाले आरोप अपने प्रोफेसर पति पर लगाए हैं. FIR के मुताबिक पहली बेटी के जन्म के बाद साल 2008 में वह दोबारा गर्भवती हुई तब पति ने कहा था, ''इस बार पुत्री का जन्म नहीं होना चाहिए, अगर पुत्री का जन्म होगा तो तुम्हें सुखचैन से रहने नहीं दूंगा.'' 

इसके बाद दूसरी भी बेटी का ही जन्म हुआ तो प्रोफेसर पति ने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों पर मानसिक जुल्म शुरू कर दिया था. फिर साल 2012 में प्रोफेसर पत्नी तीसरी बार गर्भवती हुई तब भी प्रोफेसर पति ने अपनी पत्नी से कहा, ''अगर इस बार बेटी का जन्म हुआ तो तुझे और तेरी बेटियों को जान से मार दूंगा.'' 

इस बार प्रोफेसर पत्नी को बेटा हुआ, लेकिन इसके बावजूद भी प्रोफेसर पति के स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं आया और छोटी-छोटी बातों पर गाली-गलौज करके शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रोफेसर पति अपनी पत्नी और तीनों बच्चों को लगातार परेशान करता रहा.

प्रोफेसर मसीहुझमा अंसारी अपनी पत्नी को कहता था, ''तुम मुझे पसंद नहीं हो. तुम मुझे अच्छी नहीं लगती हो. तुम मेरे लिए बोझ बन गई हो. मुझे दूसरी शादी करनी है, तो कागजों पर हस्ताक्षर करके तलाक दे दो.'' 

इस बात को लेकर महिला प्रोफेसर ने अपने माता-पिता और भाइयों से बातचीत की थी. इसके बाद सभी ने प्रोफेसर पति को समझने की कोशिश करने के बावजूद वह माना नहीं था. लेकिन शादीशुदा जीवन को चलाने के लिए महिला प्रोफेसर ने सब कुछ सहन करना सही समझा.

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इसी बीच, साल 2014 में प्रोफेसर महिला के पति की नौकरी गुजरात यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर लग गई. प्रोफेसर पत्नी का कहना है कि फिर तो उनके पति और भी आक्रामक हो गए और गंदी गालियां बोलकर बार-बार तलाक देने के लिए कहा करते थे. 

प्रोफेसर पत्नी को काम के लिए जब भी गुजरात यूनिवर्सिटी जाना पड़ता, तब वहीं उर्दू पर्शियन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी करने वाले उसके पति उसे नीचा दिखाते और सबके बीच में अपमानित भी किया करते थे. 

इसके बाद प्रोफेसर पति साल 2017 में प्रोफेसर पत्नी अपने तीनों बच्चों को छोड़कर अलग रहने लगा था. लेकिन कोरोनाकाल में तबीयत बिगड़ने पर वापस पत्नी के पास लौटा और ठीक होने के बाद दोबारा सबको छोड़कर चला गया था. 

इन सब के बीच साल 2023 में परिवार के दोस्तों ने प्रोफेसर को जब समझाया, तब वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने के लिए एक बार फिर वापस लौट आया था. लेकिन प्रोफेसर का अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गाली-गलौज करना और उन्हें मानसिक शारीरिक तौर पर परेशान करना जारी रहा. आखिर प्रोफेसर अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर अलग रहने चला गया.  

अब इसी साल अक्टूबर महीने में प्रोफेसर पति के अन्य एक महिला के साथ रहने की जानकारी पत्नी को लगी. वह अपनी बड़ी बेटी को लेकर पति से मिलने पहुंची. घर का दरवाजा प्रोफेसर पति ने खोला तब अंदर एक दूसरी महिला भी मौजूद थी. अपने घर के दरवाजे पर पत्नी और बड़ी बेटी को देखकर प्रोफेसर पति फिर एक बार आक्रोशित होकर गाली गलौज करने लगा. प्रोफेसर बोला, ''तुम यहां क्यों आई हो? मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना. मैं तुम्हें आज से ही तलाक देता हूं.'' यह कहकर प्रोफेसर ने अपनी बेटी और वहां रहने वाले अन्य तीन से चार लोगों के सामने तीन बार तलाक, तलाक, तलाक बोलकर ट्रिपल तलाक दे दिया.

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प्रोफेसर पति ने ट्रिपल तलाक दिया तो पत्नी ने पुलिस को बुलाया था. लेकिन बाद में पति ने पत्नी और बच्चों को साथ में रखने की बात मान ली तो कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई थी. लेकिन कुछ दिन बाद परिवार के लोग जब इकट्ठा हुए और सारी बातें निकलीं, तब फिर प्रोफेसर ने सबके बीच में कहा, ''मैंने अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया है.'' 

अब थक हारकर महिला प्रोफेसर ने गोमतीपुर पुलिस थाना में पति के खिलाफ एफआईआर के लिए आवदेन दिया है. पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351(4) आपराधिक धमकी और मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. 

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