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दिल्ली CM हाउस के रेनोवेशन में गड़बड़ी का मामला... PWD के दो इंजीनियर सस्पेंड, 5 के खिलाफ कार्रवाई शुरू

इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपनी मंजूरी देते हुए एलजी वीके सक्सेना ने कहा- पुराने घर की मरम्मत और रखरखाव के नाम पर मुख्यमंत्री के लिए नए घर के निर्माण में सभी नियमों का उल्लंघन' किया गया, जिसमें वह रह रहे थे.

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दिल्ली सीएम के सरकार आवास के रेनोवेशन में गड़बड़ी के मामले में दो इंजीनियर सस्पेंड. (ANI Photo)
दिल्ली सीएम के सरकार आवास के रेनोवेशन में गड़बड़ी के मामले में दो इंजीनियर सस्पेंड. (ANI Photo)

दिल्ली मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के निर्माण से संबंधित कथित अनियमितताओं में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद लोक निर्माण विभाग के दो वरिष्ठ इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है और पांच अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई और जिनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है, उनमें वर्तमान में कार्यरत और सेवानिवृत्त या स्थानांतरित इंजीनियर शामिल हैं. ये सभी 6 फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के पुराने आधिकारिक आवास को कथित तौर पर ध्वस्त करने और उसके स्थान पर 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक नया निर्माण करने में शामिल थे.

सतर्कता निदेशालय (Vigilance Directorate) के दस्तावेजों से पता चला कि अधिकारियों को जून 2023 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. विजिलेंस डायरेक्टोरेट ने पाया कि पीडब्ल्यूडी के ये इंजीनियर कथित तौर पर नोटिस का जवाब देने में देरी की रणनीति का सहारा ले रहे थे और उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था. लेकिन कोई राहत पाने में असफल रहे. यह मामला उपराज्यपाल वीके सक्सेना के समक्ष पेश किया गया था, जिसमें आरोपी इंजीनियरों को निलंबित करने और पीडब्ल्यूडी के तीन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की गई थी. इन तीनों अफसरों को दिल्ली सरकार से स्थानांतरित कर दिया गया है. 

सतर्कता निदेशालय ने मामले में अपनी जांच के बाद एलजी से दिल्ली लोक निर्माण​ विभाग के दो सेवानिवृत्त इंजीनियरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने और वर्तमान में सेवारत दो इंजीनियरों को निलंबित करने की सिफारिश की थी. इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपनी मंजूरी देते हुए, एलजी वीके सक्सेना ने कहा, 'पुराने घर की मरम्मत और रखरखाव के नाम पर मुख्यमंत्री के लिए नए घर के निर्माण में सभी नियमों, कानूनों और औचित्यों का उल्लंघन' किया गया, जिसमें वह रह रहे थे.' दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल एक्साइज पॉलिसी केस में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. उनका परिवार नए आधिकारिक आवास में रहता है, जिसमें उनका कैंप कार्यालय भी है.

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कोरोनाकाल के दौरान बंगले पर करोड़ों खर्च करने का आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगा है कि कोरोनाकाल के दौरान 1 सितंबर 2020 से लेकर 30 दिसंबर 2021 तक के 16 महीने में जब पूरा भारत और विश्व अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा था, उघोग और व्यापार धंधे मंदी की मार झेल रहा थे, तब उन्होंने अपने सरकारी आवास का रेनोवेशन कराने में करोड़ो रुपये खर्च कर डाले. उस दौर में दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम पर आ गया था. दिल्ली सरकार ने विकास कार्य ही नहीं अनेक राहत कार्य तक धन अभाव में रोक दिये थे. तब केजरीवाल पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने सरकारी बंगले और ऑफिस के निर्माण पर 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर डाले. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि यह दिल्ली के मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता का एक बड़ा प्रमाण है.

बीजेपी ने सीएम हाउस को बताया 'केजरीवाल का शीशमहल'

विजिलेंस डिपार्टमेंट ने 12 मई 2023 को अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले और इसके कैम्पस में बने ऑफिस के रेनोवेशन को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि बंगले पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि केजरीवाल सरकार ने मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च किए थे, वहीं 19.22 करोड़ रुपए सीएम हाउस के अंदर कैंप ऑफिस बनाने में खर्च हुए. रिपोर्ट में कहा गया था कि पुराने बंगले की मरम्मत के लिए बजट आवंटित हुआ और उसे गिराकर नया बंगला बनाया गया. बीजेपी ने दिल्ली सीएम हाउस को 'केजरीवाल का शीशमहल' बताया था.

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