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देश के वो ट्रेन हादसे जिन्हें भुला नहीं पाए लोग, सैकड़ों लोगों ने गंवाई थी जान

ओडिशा रेल हादसे से पूरा देश दुखी है. इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है. देश में इससे पहले कई बार रेल हादसे हुए हैं, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई. बिहार में हुए रेल हादसे में तो मरने वालों का आंकड़ा 700 से ऊपर था.

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बालासोर ट्रेन हादसा.
बालासोर ट्रेन हादसा.

ओडिशा में शुक्रवार को तीन ट्रेनों की टक्कर हो गई. बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल है. इस भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. अब इस हादसे को देश की आजादी के बाद हुआ सबसे घातक ट्रेन हादसों में से एक कहा जा रहा है. 

इसके पहले भी देश में कई बार ट्रेन हादसे हुए हैं, उनमें दर्जनों से सैकड़ों लोगों की अपनी जान गंवानी पड़ी. आगे आपको बताते हैं कि आजादी के बाद से देश में कब-कब और कहां-कहां ट्रेन हादसे हुए हैं. 

बागमती नदी में गिरी थी 416dn पैसेंजर ट्रेन

- 6 जून, 1981: बिहार में बागमती पुल को पार करते हुए गाड़ी संख्या 416dn पैसेंजर ट्रेन नदी में जा गिरी थी. इस ट्रेन हादसे में 750 लोगों की मौत हुई थी. यह भी दावा किया जाता है कि कई लोगों के शव तो बरामद ही नहीं हुए थे. इस भीषण ट्रेन हादसे को सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना कहा जाता है. 

फिरोजाबाद में 305 लोगों की मौत

- 20 अगस्त, 1995: उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी. ट्रैक पर खड़ी हुई कालिंदी एक्सप्रेस से पुरुषोत्तम एक्सप्रेस टकरा गई थी. आधिकारिक रूप से मरने वालों की संख्या लगभग 305 थी.

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अवध असम एक्सप्रेस से टकराई थी ब्रह्मपुत्र मेल

- 2 अगस्त, 1999: गैसल ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर स्थिर अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी. इस हादसे में 285 से अधिक लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे. पीड़ितों में से कई सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे.

जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस का हुआ था एक्सीडेंंट

- 26 नवंबर, 1998: जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना में फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिसमें 212 लोगों की मौत हो गई थी.

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कानपुर में 152 यात्रियों की गई थी जान

- 20 नवंबर, 2016: उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने से पुखरायां ट्रेन पटरी से उतर गई थी.  इसमें 152 लोगों की मौत हो गई और 260 घायल हो गए.

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बेपटरी हुई थी जनेश्वरी एक्सप्रेस

- 28 मई, 2010: मुंबई जाने वाली ट्रेन जनेश्वरी एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई थी और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसमें 148 यात्रियों की मौत हो गई थी.

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पुल के ऊपर पटरी से उतर थी हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस

- 9 सितंबर, 2002: हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर से पटरी से उतर गई, जिसमें 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। घटना के लिए आतंकवादी तोड़फोड़ को दोषी ठहराया गया था.

चक्रवात में बह गई थी चक्रवात में पंबन-धनुषकोडी पैसेंजर ट्रेन

- 23 दिसंबर, 1964: पंबन-धनुषकोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई थी. ट्रेन में सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई थी.

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