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अरुणाचल प्रदेश: चीन को लगेगी मिर्ची! तवांग में जल्द चलेगी टॉय ट्रेन

अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग में चलने वाली टाय ट्रेन में कम से कम तीन बोगियां होंगी, हर एक बोगी में 12 यात्री बैठ सकेंगे.

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NFR के जनरल मैनेजर अंशुल गुप्ता और सीएम पेमा खांडू की हुई मीटिंग
NFR के जनरल मैनेजर अंशुल गुप्ता और सीएम पेमा खांडू की हुई मीटिंग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तवांग में टाय ट्रेन के प्रोजेक्ट को मंजूरी
  • तवांग को चीन अपना हिस्सा बताता है

अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग में आने वाले दिनों में टॉय ट्रेन (Toy Train in  Arunachal Pradesh) चलेगी. इससे तवांग जैसी खूबसूरत जगह को और अच्छी तरह से देखा जा सकेगा. दरअसल, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने टॉय ट्रेन प्रोजेक्ट (Toy Train Project) का प्रपोजल राज्य के सीएम पेमा खांडू के सामने रखा था, जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी है. बता दें कि तवांग वैसे तो अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा है, लेकिन चीन इसको तिब्बत का हिस्सा बताकर अपना हक जताता रहता है.

NFR के जनरल मैनेजर अंशुल गुप्ता और सीएम पेमा खांडू के बीच गुरुवार सुबह मीटिंग हुई थी. इसमें सब तय हो गया. अब NFR इसपर जल्द काम शुरू कर देगा.

टाय ट्रेन में होंगी तीन बोगियां

टॉय ट्रेन में कम से कम तीन बोगियां होंगी, हर एक बोगी में 12 यात्री बैठ सकेंगे. खांडु ने प्रोजेक्ट का स्वागत किया है और इसके लिए NFR अधिकारियों को जिला प्रशासन के लोगों के बात करने, सपोर्ट लेने को कहा है. NFR की एक टीम जिसमें अधिकारी और इंजीनियर्स शामिल होंगे वह अगले हफ्ते तवांग जाएंगे. इसमें प्रोजेक्ट से जुड़ा सर्वे होगा, जिसमें जिला प्रसाशन के लोग भी शामिल होंगे. NFR का दावा है कि सब चीजें 'ओके' होने के बाद, सिर्फ 6 महीने में प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया जाएगा.

दरअसल, एनएफ रेलवे (NFR) पहले से एक रेलवे लाइन बना रहा है, जो भालुकपॉन्ग से तवांग तक है. इसकी लंबाई 378 किलोमीटर है. समुद्र तल से एक हजार फीट ऊंचाई पर मौजूद इस रेलवे लाइन का 80 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर जाएगा.

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पेमा खांडू ने NFR से की कुछ खास मांगें

पेमा खांडू ने NFR से गुजारिश की है कि वे नाहरलगुन शहर से दक्षिण के राज्यों के लिए रेल सर्विस का इंतजाम करें. खांडू ने कहा कि यहां से कई लोग पढ़ाई, नौकरी, इलाज आदि के लिए दक्षिण के राज्यों में जाते हैं. साथ ही प्रदेश में काम करने वाले ज्यादा बहुत से सरकारी कर्मचारी भी इन्हीं राज्यों के हैं. खांडू ने कहा कि बेंगलुरु, चेन्नई के लिए डायरेक्ट ट्रेन सर्विस होनी ही चाहिए. इसपर गुप्ता  ने कहा कि वह इसपर जल्द से जल्द देखेंगे कि क्या किया जा सकता है.

यह भी बताया गया कि आने वाले वक्त में और ज्यादा ट्रेनों को बिजली से चलने वाली बनाया जाएगा. मतलब डीजल के इंजन को कम किया जाएगा.

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