द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु को वॉटर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स समारोह 2022-23 में वॉटर चैंपियन अवार्ड से सम्मानित किया. उन्हें प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स, रैली फॉर रिवर्स और कावेरी कॉलिंग जैसी पथ-प्रदर्शक पारिस्थितिक पहलों के लिए सम्मानित किया गया. ये पहल हरित क्षेत्र को बढ़ाने, भारतीय नदियों को पुनर्जीवित करने और मिट्टी के स्वास्थ्य को बहाल करने की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करती हैं.
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— Sadhguru (@SadhguruJV) March 22, 2023
TERI ने जल शक्ति मंत्रालय, यूएनडीपी (UNDP) इंडिया और इंटरनेशनल वॉटर एसोसिएशन (IWA) के सहयोग से वॉटर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स के दूसरे संस्करण का आयोजन किया. यह पुरस्कार उन प्रयासों की सराहना करता हैं जो स्वच्छ जल और स्वच्छता पर सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि को सुगम बनाते हैं.
तीन दशकों से अधिक समय से, सद्गुरु पारिस्थितिक पहलों का नेतृत्व करते आ रहे हैं, जो पैमाने और प्रभाव में लगातार बढ़ रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने यह कार्य ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में शुरू किया, जहां उन्होंने स्वयंसेवकों को 22 दिनों के दौरान वेल्लियांगिरी पहाड़ों पर 60 लाख पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया. पेड़ों की कटाई के कारण वेल्लियांगिरी पहाड़ियां पूरी तरह बंजर हो गई थीं.
तमिलनाडु में बढ़ते मरुस्थलीकरण को देखते हुए, सद्गुरु ने 2004 में प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स लॉन्च किया, जिसके तहत 2.5 करोड़ पौधे लगाए गए . प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स को 2010 में भारत का सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार, इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार मिला.
2017 में, सद्गुरु ने एक महीने की 'रैली फॉर रिवर्स' का नेतृत्व किया. इस दौरान सद्गुरु ने 16 भारतीय राज्यों में 180 से अधिक कार्यक्रमों को सम्बोधित किया. इस रैली ने नदियों का अस्तित्व खतरे में होने के मुद्दे को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया. इस अभियान को 162 मिलियन लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ. इस दौरान सद्गुरु ने रेविटालिज़ेशन ऑफ़ रिवर्स इन इंडिया: ड्राफ्ट पालिसी रिकमेन्डेशन प्रधानमंत्री को प्रस्तुत की. सिफारिशों को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने 13 प्रमुख भारतीय नदियों का पुनरुद्धार के लिए 19,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया.
It has been nearly three decades since @SadhguruJV initiated actions towards water abundance through sustainable nature-based solutions. This is the mandate for both #RallyforRivers & #CauveryCalling. Thank you @teriin for endorsing these efforts! https://t.co/AGVh99UyKB
— Rally For Rivers - Cauvery Calling (@rallyforrivers) March 27, 2023
रैली फॉर रिवर्स ने कावेरी कॉलिंग को भी जन्म दिया, ताकि पेड़-आधारित कृषि मॉडल को नदियों के पुनरोद्धार के रूप में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जा सके. कावेरी मूल रूप में एक वन-पोषित बारहमासी नदी है, लेकिन बेसिन के वृक्षों को 70% खोने के परिणामस्वरूप, यह इस हद तक सूख चुकी हैं कि अब गर्मियों में समुद्र तक नहीं पहुंचती है.
इसलिए, कावेरी कॉलिंग ने 12 वर्षों की अवधि में कावेरी नदी बेसिन में 242 करोड़ पेड़ लगाने के लिए 52 लाख किसानों की मदद करने का विशाल कार्य शुरू किया. कावेरी कॉलिंग ने पिछले 24 वर्षों में 8.4 करोड़ पेड़ लगाए हैं.
2022 में, सद्गुरु ने मिट्टी बचाओ अभियान शुरू करके अपनी पारिस्थितिक पहलों के पैमाने को वैश्विक पदचिह्न तक विस्तारित किया. मिट्टी 95% भोजन का स्रोत है, और मिट्टी के विलुप्त होने का मंडराता खतरा पृथ्वी पर जीवन को खतरे में डालता है. सद्गुरु ने 100-दिन, 30,000 किलोमीटर की बाइक यात्रा शुरू की, जो 3.91 अरब लोगों तक पहुंची. इस अभियान का लक्ष्य दुनिया भर में कृषि-भूमि में न्यूनतम 3-6% जैविक तत्व लाने हेतु, नीति बनाने के लिए देशों पर जोर डालना है. मिट्टी बचाओ अभियान ने 10 भारतीय राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, और मिट्टी बचाने की दिशा में काम करने के लिए 81 देश आगे आए हैं.