इटली में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी और भारत समेत कई देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. जी 7 में भाग लेने वाले नेताओं का इटली की पीएम जॉर्जियो मेलोनी ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इसी बीच मेलोनी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है, जिससे मालूम होता है कि दोनों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है.
इस वीडियो में मेलोनी की बॉडी लैंग्वेज मैक्रों से तल्ख रिश्तों की पोल खोल रहा है, वीडियों में मेलोनी और मैक्रॉन हाथ मिला रहे हैं. लेकिन इसके जवाब में मेलोनी एक दम ठंडा रिस्पॉन्स देती हुई नजर आ रही हैं. ऐसा लग रहा है कि जैसे वह मात्रा फॉर्मेलिटी के लिए हाथ मिला रही है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, शुक्रवार को जी7 नेताओं द्वारा गर्भपात का सीधा जिक्र नहीं किए जाने के कुछ घंटों बाद मेलोनी और मैक्रों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प के कुछ घंटों बाद ये वीडियो सामने आई है.
क्या है मामला
जी-7 समिट में भी मैक्रों और मेलोनी के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई. दरअसल, गर्भपात राइट (अधिकार) के मुद्दे पर जी-7 नेताओं और मेलोनी की राय बंटी हुई है. वहीं, जी-7 में ड्राफ्ट स्टेटमेंट में अबॉर्शन राइट्स पर भाषा को कमजोर करने के लिए मैक्रों ने जब इटली पीएम की आलोचना की तो ये बात मेलोनी को पसंद नहीं आई. मेलोनी ने मैक्रों पर चुनाव प्रचार के लिए जी-7 मंच का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. वीडियो में मेलोनी को मैक्रॉन की ओर आंखें घुमाते हुए और दोनों के बीच 'इतना स्वागत योग्य' हाथ नहीं मिलाते हुए दिखाया गया है.
फ्रांस ने झुकने से किया इनकार: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि इटली ने इस शब्द को शामिल करने के फ्रांसीसी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया है. इस मसौदे ने नेताओं की पिछली बैठक में जारी किए गए बयान की तुलना में एलजीबीटीक्यू अधिकारों के लिए समर्थन को कम करने के आरोपों को भी जन्म दिया.
रोम और पेरिम के बीच भी है विवाद
वहीं, अबॉर्शन के मुद्दे ने रोम और पेरिस के बीच राजनयिक विवाद पैदा कर दिया है. मेलोनी ने मैक्रों पर फ्रांस में राष्ट्रीय चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
रॉयटर्स के अनुसार, जी7 के मसौदे में महिलाओं के लिए पर्याप्त, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच की प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखा गया है. जिसे नेताओं ने पिछले साल जापान के हिरोशिमा में अपने शिखर सम्मेलन में किया था. हालांकि, इसने 2023 के मसौदे में सुरक्षित और कानूनी गर्भपात और गर्भपात के बाद की देखभाल के महत्व पर विशेष संदर्भ को हटा दिया.
इस साल जी-7 की अध्यक्षता करने वाला इटली का कहना है कि भाषा को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्होंने विशेष रूप से हिरोशिमा की प्रतिज्ञा दोहराई है.