सनातन धर्म पर बेटे की टिप्पणी के बाद अब तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का बयान भी आ गया है. उन्होंने उदयनिधि का बचाव करते हुए उनके बयान के समर्थन में कई बातें कही हैं. एमके स्टालिन ने कहा,'भाजपा समर्थक ताकतें दमनकारी सिद्धांतों के खिलाफ रुख बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. उन्होंने झूठी कहानी फैलाई कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान किया.'
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी पोषित सोशल मीडिया भीड़ ने उत्तरी राज्यों में झूठ को व्यापक रूप से प्रसारित किया. उदयनिधि ने कभी भी तमिल या अंग्रेजी में 'नरसंहार' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. फिर भी जानबूझकर झूठ फैलाया गया. उन्होंने कहा,'उत्तर प्रदेश के एक स्वयंभू संत ने उदयनिधि की तस्वीर जलाई और उनके सिर पर इनाम रख दिया. क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की? इसके बजाय, उन्होंने उदयनिधि के खिलाफ मामले दायर किए.
क्या झूठ से अनजान हैं PM: स्टालिन
एमके स्टालिन ने कहा,'यह सुनना निराशाजनक है कि प्रधानमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में उदयनिधि की टिप्पणियों पर उचित जवाब देने की बात कही. पीएम के पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए सभी संसाधन हैं. क्या पीएम ने उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर यह बात कही या उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया.'
INDIA गठबंधन ने कर दिया परेशान
उन्होंने आगे कहा,'ऐसा लगता है कि बीजेपी विरोधी पार्टियों के INDIA गठबंधन ने प्रधानमंत्री को परेशान कर दिया है. वह डर के कारण 'वन नेशन वन इलेक्शन' का प्रस्ताव दे रहे हैं.' भाजपा सनातन में भेदभावपूर्ण प्रथाओं के बारे में चिंतित नहीं है, बल्कि विपक्षी गठबंधन में दरार डालने के लिए बेताब है. इस राजनीतिक नौटंकी को पहचानने के लिए किसी प्रतिभा की जरूरत नहीं है.
RSS प्रमुख से ले सकते हैं परामर्श
एमके स्टालिन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को कोट करते हुए कहा कि संघ प्रमुख ने भी कहा है कि हमने अपने ही साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा. हमने उनकी परवाह नहीं की और यह लगभग 2 हजार सालों तक चलता रहा. जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, तब तक कुछ विशेष उपाय करने होंगे और आरक्षण उनमें से एक है. जब तक ऐसा भेदभाव हो तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए.' उदयनिधि ने जो कहा अगर भाजपा में किसी को उसके बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत है तो वह मोहन भागवत से परामर्श ले सकता है.
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
बता दें कि उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा था कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए. बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.'