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'कोटा में ही छात्र क्यों खुदकुशी कर रहे?', सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने देश में छात्रों की आत्महत्याओं की लगातार बढ़ती घटनाओं पर इस साल की शुरुआत में दिए गए अपने फैसले का हवाला दिया. अदालत ने कहा कि फैसले के मुताबिक, तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. हम इस मामले पर बहुत सख्त रुख अपना सकते हैं.

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सुप्रीम कोर्ट
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पिछले महीने राष्ट्रीय प्रवेश पात्रता परीक्षा (NEET) के एक छात्र से जुड़े सुसाइड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने एफआईआर नहीं दर्ज करने को लेकर कोटा पुलिस और राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा, "राज्य के तौर पर आप क्या कर रहे हैं? केवल कोटा में ही छात्र सुसाइड से क्यों मर रहे हैं, आप इसके लिए क्या कर रहे हैं?"

जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने राज्य से पूछा कि क्या आपने एक राज्य के रूप में इस पर कोई विचार किया है? इस मामले में एसआईटी ने क्या किया है?

'छात्र क्यों मर रहे हैं?'

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि कोटा के छात्र के मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. अदालत ने कहा कि एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई? आप हमारे फैसले की अवमानना ​​कर रहे हैं. कोटा में अब तक कितने युवा छात्रों की मौत हुई है? ये छात्र क्यों मर रहे हैं?

कोटा के पुलिस अधिकारी को तलब कर पूछा गया कि एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई. 14 जुलाई को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है.

यह भी पढ़ें: NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सीट ब्लॉक पर लगेगी पेनल्टी, काउंसलिंग से पहले फीस का खुलासा अनिवार्य

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आईआईटी खड़गपुर के छात्र की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि एफआईआर दर्ज करने में चार दिन की देरी क्यों हुई? कोर्ट ने अधिकारियों को चेतवानी देते हुए कहा कि ये बहुत गंभीर मामले हैं, इसे हल्के में न लें. 

सुप्रीम कोर्ट ने देश में छात्रों की आत्महत्याओं की लगातार बढ़ती घटनाओं पर इस साल की शुरुआत में दिए गए अपने फैसले का हवाला दिया. अदालत ने कहा कि फैसले के मुताबिक, तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. हम इस मामले पर बहुत सख्त रुख अपना सकते हैं, शायद अवमानना ​​भी लेकिन हम इस लेवल पर आगे कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

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